गढ़पुरा. गढ़पुरा प्रखंड के इ- किसान भवन के सभागार में मंगलवार को कृषि विभाग द्वारा खरीफ कृषि जनकल्याण किसान चौपाल का आयोजन किया गया. इसके अलावा कृषि जन चौपाल का आयोजन कोरैय एवं गढ़पुरा पंचायत में भी किया गया. कार्यक्रम में किसानों को सम्बोधित करते हुए अनुमंडल कृषि पदाधिकारी अमिनित यादव ने बताया कि खरीफ फसल को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर किसानों को कम लागत में अधिक लाभ होता है. इसमें बीज तैयार करने, बीजों के प्रभेद व सिंचाई के तरीके के साथ ही खर पतवार नाशक दवाओं के प्रयोग के बारे में किसानों को बताया गया. इस क्रम में किसानों को मोटे अनाज की खेती अधिक करने का आग्रह किया गया. बताया गया कि मोटे अनाज खाने से कई तरह के बीमारियों से हम दूर रह सकते हैं. खास करके मोटे अनाज खाने से पेट से संबंधित कई बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र खोदाबंदपुर के वैज्ञानिक डॉक्टर विपिन कुमार ने कहा कि किसी भी खेतों में फसल लगाने से पहले उसकी मिट्टी का जांच निश्चित रूप से करवाना चाहिए. इतना ही नहीं लगाए जाने वाले फसल के बीजों को भी कृषि विज्ञान केंद्र में प्रमाणित करवाना आवश्यक है. इससे किसानों को सही बीज होने एवं मिट्टी में कौन सी उर्वरा शक्ति कितनी है इसकी सही जानकारी हो पाती है. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र खोदाबंदपुर के डॉक्टर एन एन पाटिल ने कहा कि आए दिन क्षेत्र के किसान काफी अधिक मात्रा में रासायनिक खाद का प्रयोग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि खेतों में अधिक मात्रा में रासायनिक खाद खेतों की उर्वरा शक्ति समाप्त कर देती है. इसमें हम अगर अधिक मात्रा में जैविक खाद और थोड़ी मात्रा में रासायनिक खाद का प्रयोग करेंगे तो खेतों का उर्वरा शक्ति बराबर बनी रहती है. किसानों को अधिक से अधिक तकनीकी कृषि पर बल देने की बात बताई गई. मौके पर प्रखंड तकनीकी प्रबंधक सुरेंद्र कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर के सहायक तकनीकी प्रबंधक प्रखंड तकनीकी प्रबंधक समेत दर्जनों की संख्या में किसान शामिल थे.
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