बलिया. विकास के इस दौर में गांव को पक्की सड़क से जोड़ने का दावा तो किया जा रहा है. लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा, इच्छाशक्ति विहीन राजनेताओं व निर्माण कार्य में व्याप्त लूट-खसोट की वजह से यह खोखले साबित हो रहे हैं. प्रखंड क्षेत्र के दियारा जाने वाली कई मुख्य ग्रामीण सड़कें अपनी बदहाली पर वर्षों से आंसू बहा रही है. इन सभी अति महत्वपूर्ण सड़कों पर बरसात की बात तो दूर सुखाड़ के दिनों में भी गुजरना व चलना मुश्किल हो रहा है. विभिन्न ग्रामीण सड़कों की जर्जरता, बदहाली व उड़ती धूल से तंग आ चुके आमजन अब आंदोलन का रुख अख्तियार करने को मजबूर हैं. बताया जाता है कि नगर परिषद क्षेत्र के मुंगेर घाट-रशीदपुर पथ के लखमिनियां बभनटोली ढाला से प्रखंड क्षेत्र के भवानंदपुर पंचायत अंतर्गत मसुदनपुर गांव तक जाने वाली करीब सात किलोमीटर की इस सड़क पर कालीकरण नाम की अब कोई चीज नहीं बच गयी है. बचे हैं तो धूल में सने कंकर व गिट्टी. जिस पर वाहनों का चलना तो दुरभ हो ही रहा है. पैदल चलना तो किसी मुसीबत से कम नहीं है. इस सड़क से मसुदनपुर, साहपुर, शिवनगर एवं भवानंदपुर, के अलावे मुंगेर जिला के कुतलूपुर पंचायत के बहादुरनगर सहित आधे दर्जन से अधिक टोला के लोगों का आवागमन का मुख्य मार्ग है. जिसकी मरम्मति या जिर्णोद्धार के प्रति जनप्रतिनिधियों ने जहमत नही उठाई है. परेशानी तब बढ़ जाती है जब आकस्मिक मौके पर किसी बीमार या प्रसव पीड़ा से परेशान महिला को समुचित इलाज कराने के लिए चार पहिया वाहन या अन्य साधन से अस्पताल ले जाना पड़ता है. ऐसी स्थिति में विकट समस्या खड़ी हो जाती है. ग्रामीणों का कहना है कि इस महत्वपूर्ण सड़क से दर्जनों गांव के लोगों को जरूरी काम से आवाजाही लगी रहती है. उसके बावजूद दियारा की सड़कें उपेक्षित हैं. लोगों का यह भी कहना है कि इस सड़क की मरम्मति को लेकर जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी को कई बार कहा गया. लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी. सड़क से कालीकरण के पूरी तरह उखड़ जाने से जगह- जगह बने गढ्डे व उबड़-खाबड़ उक्त सड़कों की जर्जरता व बदहाली को खुद बयां कर रही है. ग्रामीण सड़कों के जर्जर होने के कारण दोपहिया व छोटे वाहन चालक कहीं न कहीं रोजाना हादसे के शिकार होकर घायल भी हो रहे हैं. इतना ही नही बरसात के दिनों में तो ग्रामीण सड़कों की हालत और भी नारकीय हो जाती है. जगह-जगह टूटी सड़क के कीचड़मय हो जाने से राहगीरों को उस होकर निकलना भी मुश्किल हो जाता है. ग्रामीणों ने उक्त क्षतिग्रस्त सड़क की अविलंब जिर्णोद्धार कराने की मांग ग्रामीण कार्य विभाग से की है.
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