रसिद आलम, नवगछिया
12 साल पहले हुई थी शादी, कई संघर्षों में भी बना रहा प्रेम का रिश्ता
करीब 12 वर्ष पूर्व विनय गुप्ता ने रानु से विवाह किया था. पति-पत्नी का रिश्ता बेहद मजबूत और प्रेम से भरा था. शादी के कई वर्षों तक संतान सुख नहीं मिलने के बावजूद विनय ने कभी पत्नी को कोई कटु वचन नहीं कहा. समाज के तानों से बचाने और अपनी पत्नी की खुशी के लिए उन्होंने एक बेटी को गोद लिया. बच्ची का नाम वीरा रखा. वीरा को दोनों ने अपनी संतान की तरह पाला, उसे कभी एहसास नहीं होने दिया कि वह गोद ली हुई है. विनय और रानु की ममता से लबालब इस बच्ची का अपने माता-पिता से अत्यधिक जुड़ाव था. तीन वर्ष पूर्व जब रानु ने जुड़वा बच्चों एक पुत्र राघव और एक पुत्री सौमेया को जन्म दिया, तो घर में खुशियों की बहार आ गयी. विनय के चेहरे पर पिता बनने की खुशी साफ झलकती थी. वह अपने तीनों बच्चों को बेहद स्नेह देते थे और उनके सुनहरे भविष्य के लिए कठिन परिश्रम करते थे. अचानक निर्मम हत्या ने इस खुशहाल परिवार की नींव हिला दी है. सवाल है कि तीन मासूम बच्चों वीरा, राघव और सौमेया की परवरिश अब कैसे होगी. पत्नी रानु गुप्ता मानसिक और भावनात्मक रूप से टूटी गयी है. घर की आर्थिक स्थिति पर भी संकट मंडराने लगा है, क्योंकि विनय ही पूरे परिवार का एकमात्र सहारा थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
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