कार्यलय में आयोजन, अधिवक्ता राहुल देव सिंह ने पाठकों को दी सलाहप्रभात खबर कार्यालय में रविवार को लीगल काउंसलिंग सत्र में अधिवक्ता राहुल देव सिंह ने पाठकों के कानूनी सवालों का सरल भाषा में जवाब दिया. कार्यक्रम में राहुल देव ने समाज में तेजी से बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं पर चिंता भी जाहिर की. उन्होंने कहा कि ये घटनाएं केवल मानसिक अवसाद नहीं, बल्कि समाज में बढ़ रहे एकाकीपन और टूटते संबंधों का संकेत हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में हम अपने आसपास के लोगों को जानना तो दूर, पहचानना तक छोड़ चुके हैं. समाज में संवाद की कमी, भावनात्मक दूरी और समर्थन की अनुपस्थिति लोगों को भीतर से कमजोर बना रही है. इसका परिणाम यह हो रहा है कि छोटी-छोटी परेशानियां भी जानलेवा बन जा रही हैं. राहुल देव सिंह ने कहा कि प्रशासन अपनी तरफ से प्रयास करता है, लेकिन यह पूरा समाधान नहीं है. समाज को खुद सामने आकर लोगों से जुड़ना होगा, संवाद बढ़ाना होगा और मानसिक सहयोग का माहौल बनाना होगा. दूसरी तरफ आत्महत्या की सही वजह सामने आना बेहद जरूरी है. ताकि सरकार कारगर कदम उठा सके. लीगल काउंसलिंग के प्रमुख प्रश्न और उसके उत्तर…
अनीता कुमारी, भागलपुरउत्तर – आपकी शादी हुए काफी कम समय हुआ है. आप एक दूसरे को समझने का प्रयास करें. खास कर आप भी अपने पति को समझने का प्रयास करें. विभिन्न मुद्दों पर खुल कर बात करें. जरूरत पड़े तो परिवार के अन्य सदस्यों का सहयोग लें. उम्मीद है आप एक बेहतर परिवार की स्थापना में सफल रहेंगी. 2. मेरे नाना ने मुझे शहर में पांच कट्ठा जमीन उपहार स्वरूप दिया है, जमीन के सारे कागजात मेरे नाम से है. अब नाना नानी की मृत्यु हो गई है, लेकिन मेरे मामा जमीन छोड़ना नहीं चाह रहे हैं. मुझे क्या करना चाहिए.
दिनेश साह, भागलपुरउत्तर – कंपनी को अधिवक्ता के माध्यम से लीगल नोटिस भिजवाएं, 15 दिन बाद अगर आप संतुष्ट नहीं हुए तो आप उपभोक्ता अदालत जा सकते हैं या कंप्लेन केस भी कर सकते हैं. 4. एक दुकानदार वर्षों से अधिक मूल्य पर मुझे सभी प्रकार का राशन देते रहा. जिसका साक्ष्य भी मेरे पास उपलब्ध है, दुकानदार ने मेरे साथ 50 हजार से अधिक रुपए की ठगी की है, मुझे क्या करना चाहिए.
आरती, भागलपुरउत्तर – आप एक आवेदन जिलाधिकारी और जिला परिवहन पदाधिकारी को दें और जिस टोटो पर बैठें और अश्लील गाने बजे तो टोटो का नंबर अवश्य नोट कर लें. 6. भूदान में एक एकड़ जमीन मिली थी. कुछ दिनों तक हमलोगों का कब्जा रहा लेकिन इन दिनों उक्त जमीन पर कुछ स्थानीय दबंगों ने कब्जा कर लिया है, क्या करें.
उत्तर – सर्वप्रथम आप सीओ और एडीएम को आवेदन दें. अगर कार्रवाई नहीं होती है आप लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत शिकायत कर सकते हैं. आप टाइटल सूट भी दाखिल कर सकते हैं. 7. मारपीट से संबंधित मामला कोर्ट में चल रहा है. जख्मी समेत अन्य गवाहों की गवाही हो चुकी है. लेकिन अब तक आईओ और डॉक्टर की गवाही नहीं हुई है. जबकि गवाही को क्लोज कर दिया गया है. आईओ और डॉक्टर की गवाही करवाने के लिए क्या करें.
उत्तर – आप सहायक अभियोजन पदाधिकारी के माध्यम से सीआरपीसी 311 के तहत पीटिशन फाइल करायें. उम्मीद है अवश्य सुनवाई होगी. 8. दो पक्षों में मारपीट हुई है, दोनों पक्षों से हत्या का प्रयास के मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. अब दोनों पक्षों ने केस न लड़ने का फैसला लिया है तो मेल थाना स्तर पर होगा या कोर्ट स्तर पर.
उत्तर – आईपीसी की धारा 307 कंपाउंडेबल ऑफेंस नहीं है, इसलिए आप दोनों पक्ष मिल कर न्यायालय में कानूनी प्रक्रिया करके ही सुलह करें.
साइबर क्राइम पर लीगल काउंसलिंग में अधिवक्ता ने जतायी चिंता
लीगल काउंसलिंग सत्र में अधिवक्ता राहुल देव सिंह ने कहा कि साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है और आम लोगों को इसके प्रति अधिक जागरूक होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिस स्तर पर आज साइबर अपराधी तकनीकी रूप से सक्रिय हैं, पुलिस की तैयारी उस स्तर के आसपास भी नहीं है. सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अधिकतर अपराध सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठे अपराधियों द्वारा अंजाम दिए जाते हैं, जिससे जांच जटिल हो जाती है. सतर्क रहना ही इससे बचाव का सबसे मजबूत तरीका है.
एफआईआर है न्याय की पहली सीढ़ी, जो आज भी एक चुनौती है
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