इशाकचक थाना क्षेत्र के भोलानाथ पुल के पास अवैध रूप से संचालित नशा मुक्ति केंद्र में मधेपुरा के अमरेश कुमार की हत्या मामले में आरोपित पूर्णिया निवासी सुमित से पुलिस ने सघन पूछताछ की. सुमित को पुलिस ने 24 घंटे के लिए रिमांड पर लिया था. पूछताछ में आरोपित ने कई जानकारियां दी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुमित ने पुलिस को जानकारी दी कि नशा मुक्ति केंद्र में अमरेश अत्यधिक नशे की मांग करने लगा था, जिसे पूरा नहीं किया जाता था. नशा नहीं मिलने से अमरेश एकाएक काफी अक्रोशित हो गया. खरीक के रहनेवाले सौरभ नाम के लड़के ने उसकी पिटाई कर दी. घायल अवस्था में अमरेश को सदर अस्पताल ले जाया गया था. जहां उसकी मृत्यु हो गयी थी. नशा छुड़ाने के नाम पर प्रत्येक मरीज से लिये जाते थे 8 से 13 हजार रुपया प्रतिमाह आरोपित ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र में नशा छुड़ाने के लिए आठ से 13 हजार रुपये लिये जाते थे. उसने अपने कई सहयोगियों के नामों को उजागर किया है. जब पुलिस ने आरोपित से पूछा कि अवैध रूप से नशा मुक्ति केंद्र कैसे संचालित किया जा रहा था तो आरोपित अनुत्तरित था. आरोपित ने पुलिस को बताया कि घटना के बाद उसके सहयोगियों ने सीसीटीवी फुटेज को नष्ट कर दिया था, हालांकि पुलिस को इस दिशा में साक्ष्य अब तक प्राप्त नहीं हुआ है. इशाकचक थाना पुलिस ने आरोपित के मिले अहम सुराग के मद्देनजर एक तरफ अपना अनुसंधान शुरू किया है तो दूसरी तरफ सामने आये नये आरोपियों तक भी पहुंच बनाने का प्रयास कर रही है. आरोपित को 24 घंटे के लिए रिमांड पर लिया गया था. बुधवार को पुलिस ने आरोपित कोर्ट में प्रस्तुत किया जिसके बाद उसे फिर से जेल भेज दिया गया. 25 जून को अवैध नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती हुआ था अमरेश, एक जुलाई को पिटाई के बाद हो गयी थी मौत पिछले वर्ष एक जुलाई 2024 को अवैध रूप से संचालित नशा मुक्ति केंद्र में सोमवार सुबह भर्ती मरीज मधेपुरा जिला के ग्वालपाड़ा थाना क्षेत्र के रामनगर के रहनेवाले अमरेश की हत्या कर दिये जाने का मामला सामने आया है. पांच दिन पूर्व 25 जून को ही पति के शराब पीने की लत से परेशान उनकी पत्नी खुशी गुप्ता ने उन्हें नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था. अमरेश की मौत हो जाने के बाद मामले में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. घटना के बाद केंद्र के संचालक समेत अन्य सदस्य फरार हो गये थे. घटना के बाद परिजनों ने हंगामा भी किया था.
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