डॉक्टर ने मानसिक विकृति होने और अन्य बीमारी होने के संदेह पर उन्हें मायागंज अस्पताल में दिखाने को कहा. देर रात बुचिया देवी और उनकी समधन के साथ उसी नर्सिंग होम में रुक गयी. जहां गुरुवार सुबह नर्सिंग होम से सटे एक मकान के छत पर मृतका शव लहूलुहान स्थिति में पड़ा हुआ पाया गया. घटना की जानकारी पाकर तिलकामांझी पुलिस मौके पर पहुंची. जहां एफएसएल टीम को भी बुलाया गया. शव को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
बेंगलुरु में रहता है मृतका का बेटा
मृतका की समधन तारा देवी ने बताया कि बुचिया देवी की दो बेटी और एक बेटा है. दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है. जबकि बुचिया देवी के बेटे बिजल सहनी अपने परिवार को लेकर बेंगलुरु में रहता है. तारा देवी ने बताया कि वे लोग देर शाम ही वापस नवगछिया जाने के लिए निकली थी. पुल पर जाम होने की वजह से वह वापस नर्सिंग होम लौट गयी. जहां अस्पताल में जान पहचान के कर्मियों को कह कर रात में दोनों वही रुक गयी.
नर्सिंग होम में ही पोती का मनाया जन्मदिन
मृतका की समधन ने बताया कि उस रात उन लोगों ने नतनी का जन्मदिन मनाया और केक भी काटा. इसके बाद सभी सोने चले गये. तड़के सुबह तीन बजे जब उनकी नींद खुली तो देखा कि बुचिया देवी और उनकी नतनी सोयी थी. इसके बाद 6 बजे सुबह नींद खुलने पर वह वहां नहीं थी. खोजबीन करने पर पाया कि बुचिया देवी लहूलुहान स्थिति में नर्सिंग होम के उतरी तल पर खुली खिड़की के नीचे दूसरे मकान की छत पर गिरी हुई है.
जब तक अस्पताल पहुंची उसकी मौत हो चुकी थी. बुचिया देवी छत से गिरी, या जान बूझकर उसने छलांग लगाया या फिर किसी ने उसे धकेल दिया इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. नर्सिंग होम के उपरी तल पर किसी प्रकार का कैमरा भी नहीं लगा हुआ है.
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डॉक्टर ने क्या कहा?
डॉक्टर का कहना है कि महिला मानसिक रूप से बीमार थी. तत्काल उसे दर्द की दवा दी गई थी और अगले दिन मायागंज अस्पताल में इलाज कराने के लिए कहा था. उन्हें यह भी जानकारी नहीं थी कि वे दोनों अस्पताल में ही रुके हैं. सुबह करीब 6 बजे उन्हें फोन पर घटना की जानकारी मिली. जिसके बाद उन्होंने ही फोन कर तिलकामांझी पुलिस और डायल 112 को बुलाया.