गांव से पढ़कर इंजीनियरिंग कॉलेज गए आशुतोष
आशुतोष ने बताया कि उसकी पढ़ाई गांव से ही शुरू हुई लेकिन गांव में उसके माता पिता और परिवार वालों ने पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं आने दी. इसके बाद इंटर के बाद विश्व स्तर पर प्रसिद्ध माइनिंग इंजीनियरिंग में उसका नामांकन कराया गया. गेट परीक्षा की यहां पर उसकी स्वभाविक तैयार हो गयी. फिर उसने चार से पांच माह खूब मेहनत किया. उसकी सफलता का श्रेय माता पिता, परिवारवालों और गुरुजनों को जाता है.
वेदातां में हुआ आशुतोष का प्लेसमेंट
आशुतोष ने बताया कि पिछले वर्ष ही वेदांता कंपनी में उसका 15 लाख रूपये सलाना पैकेज पर प्लेसमेंट हुआ है. जबकि पहले पिछले वर्ष भी गेट की परीक्षा दे चुका है जिसमें उसने 48वां रैंक प्राप्त किया था. आशुतोष ने बताया कि वह वेदांता को ज्वाइन करेगा और वहां का वर्क कल्चर का अनुभव लेगा, वह एम टेक की पढ़ाई भी कर सकता है.
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नेगेटिव मार्किंग कर देता है गेट को टफ
आशुतोष ने बताया कि नेगेटिव मार्किंग गेट की परीक्षा को टफ बना देता है. लेकिन विगत वर्षों के पश्नों के अध्ययन और एक रणनीति के तहत मेहनत करने से नेगेटिव मार्किंग की संभावना को काफी कम कर देता है. कोई भी छात्र परीक्षा की तैयारी आसान स्थिति में नहीं करता है. परिस्थितियां विपरीत तो रहती है लेकिन मेहनत के आगे सब कुछ संभव है.
बिहपुर विधायक ने दी आशुतोष को बधाई
बिहपुर विधानसभा के भाजपा विधायक ई कुमार शैलेंद्र ने आशुतोष की सफलता पर उसे बधाई देते हुए उज्वल भविष्य की कामना की है. कुमार शैलेंद्र ने कहा कि आशुतोष ने जिले का नाम रौशन किया है.