दवा रहने से समय पर हो सकता था इलाज
अस्पताल में दवा नहीं रहने के कारण छात्र-छात्राओं समेत कर्मियों की परेशानी बढ़ गयी है. वर्ष 2024 में परीक्षा के क्रम में बहुद्देशीय प्रशाल में पीजी सेमेस्टर तीन की दो स्टूडेंट बेहोश हो गये थे. आननफानन में केंद्राधीक्षक ने अस्पताल के चिकित्सक को फोन कर उपचार के लिए बुलाया. चिकित्सक मौके पर पहुंच कर उपचार किया, लेकिन अस्पताल में दवा नहीं रहने के कारण उपलब्ध नहीं कराया जा सका.
छात्र, कर्मचारी व शिक्षकों से ली जाती है राशि
विवि सूत्रों के अनुसार अस्पताल में दवा की खरीद के लिए छात्रों से नामांकन के समय 30 रुपये, तृतीय वर्गीय कर्मचारी से 60, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी से 30 व प्रति शिक्षक एक सौ रुपये लिए जाते हैं.
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दवा की खरीद के लिए फाइल बढ़ायी गयी
अस्पताल के चिकित्सक डॉ अरशाद कमर ने कहा कि दवा खरीद के लिए फाइल विवि में बढ़ायी गयी है. दवा के नहीं रहने से परेशानी हो रही है. उपचार कराने आने वाले छात्र बाहर का दवा लिखने पर नाराजगी जताते हैं. विवि प्रशासन को सारी जानकारी दे दी गयी है.
टीएमबीयू के रजिस्ट्रार प्रो रामाशीर्ष पूर्वे ने कहा कि दवा की खरीद के लिए फाइल पर प्रोसेस किया जा रहा है. कुलपति के निर्देश के बाद दवा की खरीदारी की जायेगी. दवा की खरीदारी को लेकर पहले क्या हुआ है, इस बारे में जानकारी नहीं है.
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