नौ प्रखंडों में स्वीकृति का प्रस्ताव पेंडिंग
प्रधानमंत्री आवास योजना में चार प्रखंडों में स्वीकृति का प्रस्ताव पेंडिंग रखा गया है. मामले में डीडीसी ने सुलतानगंज, पीरपैंती, खरीक, नाथनगर, कहलगांव, रंगरा चौक, बिहपुर, शाहकुंड व गोपालपुर के बीडीओ का वेतन स्थगित करते हुए स्पष्टीकरण किया है. प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (वित्तीय वर्ष 2024-2025) की समीक्षा में पाया गया कि सुलतानगंज में 682, पीरपैंती में 265, खरीक में 241, नाथनगर में 229, कहलगांव में 220, रंगरा चौक में 211, बिहपुर में 197, शाहकुंड में 138 व गोपालपुर में 114 लाभुकों के आवास की स्वीकृति का प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाना लंबित है.
बीडीओ नहीं दे रहे स्पष्टीकरण का जवाब
बिहार निःशक्तता पेंशन के सर्वाधिक आवेदन लंबित रखे जाने के मामले में मांगे गये स्पष्टीकरण का उत्तर बीडीओ द्वारा नहीं दिया जा रहा है. इस पर डीडीसी ने सबौर, सन्हौला, नाथनगर, जगदीशपुर व पीरपैंती के बीडीओ के इस कृत्य को अनुशासनहीन बताते हुए पत्र भेजा है. जगदीशपुर व नाथनगर के बीडीओ के स्पष्टीकरण का उत्तर सामान्य श्रेणी का बताया गया है. पीरपैंती बीडीओ द्वारा आवेदन लंबित नहीं रहने के संबंध में प्रतिवेदन समर्पित किया गया है, लेकिन साक्ष्य संलग्न नहीं किया गया है. सबौर व सन्हौला बीडीओ द्वारा स्पष्टीकरण का उत्तर समर्पित ही नहीं किया गया है. समर्पित किये जानेवाले स्पष्टीकरण पर उचित निर्णय होने व अगले आदेश तक के लिए वेतन स्थगित कर दिया गया है.
कुमार के मुख्यमंत्री बनने से पूर्व बिहार में सड़क नजर नहीं आ रही थी. पूरे बिहार में एक ही पुल मोकामा घाट का था, वर्तमान में नीतीश कुमार के कार्यकाल में एक नहीं अनेकों पुल का निर्माण कराया गया है. सीएम ने बिहार का नक्शा बदल दिया है. एनडीए में पांडव की जोड़ी लगी है, जो बिहार का इतिहास बदल देगा. उन्होंने नफरत के नाम पर ना सियासत के नाम नहीं सिर्फ मोहब्बत के नाम पर एनडीए वोट मांग रही है. एनडीए विकास के नाम पर वोट मांगती है.
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पेंशन का आवेदन लंबित रखने के कारण वेतन स्थगित
लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन अंतर्गत सर्वाधिक आवेदन लंबित रखे जाने के मामले में कहलगांव, जगदीशपुर व खरीक बीडीओ से डीडीसी ने स्पष्टीकरण मांगा है. वेतन भी स्थगित किया है. इस मामले में पहले भी स्पष्टीकरण की मांग की गयी थी. जगदीशपुर बीडीओ ने शत-प्रतिशत आवेदनों के निष्पादन करने की बात लिखी, पर समय सीमा का उल्लेख नहीं किया. समर्पित स्पष्टीकरण रिजेक्ट कर दिया गया. कहलगांव व खरीक बीडीओ ने स्पष्टीकरण का उत्तर समर्पित ही नहीं किया. इसे अनुशासनहीनता बताते हुए फिर स्पष्टीकरण मांगते हुए वेतन स्थगित कर दिया गया है.
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