14 दिसंबर को हुआ था अपहरण
पिछले वर्ष 14 दिसंबर को विवाहिता की शादी की नीयत से अपहरण कर लिया गया था. मामले की प्राथमिकी उसके पिता ने नाथनगर थाने में दर्ज करायी थी. जिसमें पड़ोस के ही मनीष कुमार, रवीश कुमार, बजरंगी यादव, बमबम यादव, विक्को यादव को आरोपित बनाया गया था. परिजनों ने बताया कि 24 दिसंबर को विवाहिता किसी तरह गांव पहुंची थी. जिसके बाद उसने बताया था कि मनीष व अन्य ने मिलकर उसे जबरन मुंबई ले गया था और कुछ दिन साथ रहने के बाद सभी भाग गये. वह किसी तरह घर पहुंची.
… तब विवाहिता का लिया गया था बयान
घर आने के बाद विवाहिता का बयान भी कराया गया था, जो प्रेमी के पक्ष में नहीं था. परिजनों ने बताया कि घर आने के बाद भी आरोपितों ने विवाहिता को परेशान करना जारी रखा. कहा कि आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने की धमकी देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के साथ पक्ष में बयान देने का दबाव बनाया जा रहा था, इसके साथ गलत काम करने के लिए धमकी दिया जा रहा था. मृतका की मां ने बताया कि सुबह काम पर जाने के समय पुत्री ने कहा कि मनीष उसे कही का नहीं छोड़ा है. परिजनों ने कहा कि अगर पुलिस मामले में कार्रवाई की होती तो वह आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाती.
ठीक ठाक चल रही थी विवाहिता की शादी शुदा जिंदगी
मृतिका के माता-पिता ने बताया कि उसकी पुत्री की शादी काफी कम उम्र में हुई थी. शादी के बाद सब कुछ ठीक चल रहा था. शादी के छह माह बाद दशहरा में अपने मायके आयी थी. इसके बाद मनीष की नजर उस पर पड़ गयी और उसने जिंदगी बर्बाद कर दिया. परिजनों ने बताया कि वे लोग काफी गरीब परिवार से हैं, यही कारण है कि कानूनी प्रक्रिया करने के बाद भी बेटी को नहीं बचा पाए. विवाहिता अपने माता-पिता की छह संतानों (एक पुत्र, पांच पुत्री) में वह पहले नंबर पर थी. नाथनगर थाने के थानाध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने बताया कि सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच की जा रही है. पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार है.
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