Bihar Flood: बिहार में बाढ़ हर साल लोगों की जिंदगी को गहरे संकट में डालती है, लेकिन इस बार शिक्षा विभाग ने समय रहते तैयारी कर ली है. जिले के उन 163 स्कूलों के 15 हजार बच्चों की पढ़ाई अब बाधित नहीं होगी जो बाढ़ के पानी से घिर जाते हैं. इन बच्चों के लिए राहत शिविरों में चार घंटे की विशेष शिक्षण योजना चलाई जाएगी, ताकि न केवल उनकी पढ़ाई जारी रहे, बल्कि मानसिक और बौद्धिक विकास में भी कोई कमी न आए.
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (BEPPC) ने इस पहल को लेकर राज्य भर में मोर्चा संभाल लिया है और सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में इसकी रणनीतिक योजना बननी शुरू हो गई है.
ऑनलाइन ओरियंटेशन से लेकर जिला स्तर तक तैयारियां शुरू
सोमवार को बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा राज्य के 28 बाढ़ प्रभावित जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (DPO) के लिए एक ऑनलाइन ओरियंटेशन आयोजित किया जाएगा. इसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किन-किन विद्यालयों को जलजमाव या शिविर निर्माण के कारण बंद करना पड़ सकता है, उनकी समय रहते पहचान कर ली जाए.
राहत शिविरों में खेल, शिक्षा और जीवन सुरक्षा की संयुक्त कक्षा
DPO एसएसए शिवकुमार वर्मा के अनुसार, बाढ़ की स्थिति में बच्चों को दिन में 3-4 घंटे की विशेष कक्षा दी जाएगी. इसमें न केवल पढ़ाई, बल्कि खेलकूद और ज्ञानवर्धक गतिविधियों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि बच्चे तनावमुक्त और सक्रिय रह सकें. मुख्यालय ने निर्देश दिया है कि यह पाठ्यक्रम स्कूलों द्वारा स्थानीय जरूरतों और बच्चों की मानसिक स्थिति के आधार पर तैयार किया जाए. इसके साथ ही बच्चों को बाढ़ सुरक्षा, डूबने से बचाव, नाव की सावधानी और प्राथमिक बचाव उपायों की भी जानकारी दी जाएगी.
मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत फोकल शिक्षक रहेंगे तैनात
प्रत्येक राहत शिविर में मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत चयनित फोकल शिक्षक मौजूद रहेंगे, जो बच्चों की सुरक्षा, भोजन, शौचालय, मनोवैज्ञानिक सहयोग और बुनियादी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखेंगे. यह भी तय किया गया है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए, इसके लिए अभिभावकों से भी नियमित संवाद रखा जाएगा.
जिले के ये 163 स्कूलों की सूची तैयार
2024 के जिला शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले के गोपालपुर प्रखंड में 32, नाथनगर में 25, नारायणपुर में 12, रंगरा चौक में 17, इस्माइलपुर में 10, सबौर में 16, कहलगांव में 7, सुल्तानगंज में 31 और पीरपैंती में 13 स्कूल हर साल बाढ़ की चपेट में आते हैं. इन स्कूलों में राहत शिविर आधारित शिक्षा पहले भी सफलतापूर्वक चलाई गई थी, जिसे अब और अधिक व्यवस्थित रूप देने की योजना है.
बाढ़ से 28 जिले प्रभावित, 15 पर गंभीर असर राज्यस्तरीय योजना लागू
परियोजना के निदेशक मयंक वारवड़े ने स्पष्ट किया है कि बिहार के 28 जिले बाढ़ से प्रभावित होते हैं, जिनमें से 15 जिले अत्यधिक संवेदनशील श्रेणी में आते हैं. इन जिलों से स्कूलों की सूची मांगी गई है और सभी DEO को निर्देश दिया गया है कि वे अपने स्तर पर स्कूल प्रबंधन समितियों के साथ मिलकर बाढ़ पूर्व तैयारी पूरी कर लें.
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