जेएलएनएमसीएच में पीजी छात्र व जूनियर रेजिडेंट के बीच बुधवार की रात जम कर मारपीट की घटना के बाद दूसरे दिन भी माहौल गर्म रहा. जगह-जगह दोनों पक्षों की गोलबंदी देखी गयी. हालांकि अस्पताल अधीक्षक डॉ हेमशंकर शर्मा ने दोनों पक्षों को समझा-बुझा कर मामला शांत कराया. फिर दोनों पक्ष कंप्रोमाइज के लिए तैयार हुए. दोनों पक्षों से कहा कि सभी डॉक्टर्स मरीजों की सेवा में लगे रहते हैं. इस दौरान अगर आपसी विवाद हो जाये तो इसे तत्काल सुलह करना चाहिए. केस करने पर अगले 10 साल तक कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाते रहेंगे. इसके बाद दोनों पक्षों ने केस वापस लेने का फैसला किया. हालांकि आवेदन पर दोनों पक्षों का केस पहले ही दर्ज कर लिया गया था. शुक्रवार को दोनों पक्षों के तीन-तीन डॉक्टरों को मेडिसिन विभाग में बुलाया गया. तय किया गया मुकदमा वापस लेने संबंधी पत्र अधीक्षक को देंगे. इसके बाद जूनियर रेजिडेंट डॉ कैलाश कुमार व पीजी मेडिसिन के डॉ विनीत कुमार ने आपस में हाथ मिलाया और गले मिलकर माफी मांगी. अधीक्षक ने कहा कि दोनों जाकर बाहर चाय पिये और माहौल को बेहतर बनायें. अगर फिर से तनाव हुआ तो इसके जिम्मेदार वही होंगे. इस मीटिंग के बाद सभी डॉक्टर काम पर लौट गये. डॉ कैलाश को आइसीयू से हटाया गया : मीटिंग में जूनियर रेजिडेंट डॉ कैलाश कुमार के अनुरोध पर आइसीयू से हटाकर हड्डी रोग विभाग में ड्यूटी दी गयी. ओल्ड इंटर्न हॉस्टल को खाली कर तोड़ा जायेगा : अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने साल 2019 से ही ओल्ड इंटर्न हॉस्टल को बंद कर दिया है. बिना आवंटन के यहां डॉक्टर रहते हैं. यहां के दो हॉस्टलों को 24 घंटे में खाली करने का निर्देश दिया गया है. यहां पर बाहरी लोगों का भी अवैध रूप से कब्जा है. खाली नहीं करने पर प्रशासन की मदद ली जायेगी. साथ ही मुकदमा दर्ज कराया जायेगा. पटना गये दो पीजी डॉक्टर, निकली नोटिस : जूनियर रेजिडेंट डॉ कैलाश कुमार ने पीजी मेडिसिन के डॉ योगेश कुमार व डॉ बीरेंद्र कुमार मीना को आरोपित बनाया था. दोनों ट्रेन पकड़कर पटना चले गये. स्टेशन तक पहुंचाने के लिए सरकारी वाहन व पुलिस का सहारा लिया गया. अस्पताल अधीक्षक ने एचओडी मेडिसिन डॉ अबिलेश कुमार को निर्देश दिया कि वे इन दोनों डॉक्टरों के खिलाफ नोटिस निकालें. तीन दिन के अंदर विभाग में आकर रिपोर्ट नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई होगी. बैठक में डॉ राजकमल चौधरी, डॉ ओबेद अली, डॉ अशोक कुमार सिंह, हॉस्पिटल मैनेजर सुनील कुमार गुप्ता व मेडिसिन विभाग के हेल्थ मैनेजर वीरमणि मौजूद थे.
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