प्रतिनिधि, सबौर
वहां काम करवा रहे मुंशी अनीश ने बताया कि हमलोग छाड़न से गंगा का सूखा बालू थैला में श्रमिकों द्वारा भरवा कर नाव से कटाव स्थल तक लाते हैं फिर श्रमिकों द्वारा उसे बचाव कार्य में व्यवस्थित करते हैं. ताकि बचे हुए घर आने वाले बाढ़ में कटाव से बच सकें. एजेंसी के इंजीनियर चंदन ने बताया कि यह काम 27 करोड़ रुपये का है. इस काम को मसाड़ू से लेकर इंग्लिश फरका घोषपुर तक करना है.
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