नवगछिया घाट ठाकुरबाड़ी में रामचरित मानस के 50वां स्वर्ण जयंती समारोह के दूसरे दिन राम कथा का आयोजन किया गया. कथावाचक स्वामी विनोदानंद सरस्वती ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में श्रद्धा और विश्वास अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि पुत्र भले ही संकट के समय सहारा दे या न दे, भाई अवश्य साथ देता है. उन्होंने प्रयागराज को सभी तीर्थों का राजा बताते हुए कहा कि यह वह भूमि है, जहां महान यज्ञ हुए हैं और जहां गंगा स्नान से सभी पाप धुल जाते हैं. भक्तों को भावविभोर करने वाले भजनों की प्रस्तुति की गयी. पायोजी मैंने राम रतन धन पायो, भटकते फिरेंगे हम तो होके बावरे, जैसे भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे. समारोह के अध्यक्ष दिनेश सर्राफ ने बताया कि यह नौ दिवसीय राम कथा सात अप्रैल तक चलेगा. प्रातः आठ बजे से दोपहर एक बजे तक पंडित चंदन झा के आचार्यत्व में 21 विद्वानों द्वारा नवाह परायण संगीतमय पाठ किया जा रहा है. इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में शिव जायसवाल, दिनेश सर्राफ, बनवारी पंसारी, सरवन केडिया, अशोक केडिया, किशन यादुका, संतोष यादुका, संतोष भगत, अनिल चिरानिया, अनिल भगत, विनीत खेमका, कैलाश अग्रवाल, विशाल चिरानिया, जुगनू भगत, दयाराम चौधरी, किशन चिरानियां, शंकर चिरानियां की महत्वपूर्ण भूमिका रही. श्रद्धालुओं की अपार भीड़ और भक्ति भाव से ओतप्रोत वातावरण के साथ यह आयोजन ऐतिहासिक बनता जा रहा है.
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