सुलतानगंज में श्रद्धालुओं व कांवरियों को ठहराने के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग निर्माण की योजना को डीआरएम के पत्र के बाद बल मिला है. मालदा डिवीजन के डीआरएम ने कहा है कि वे सुलतानगंज में रेलवे की 17 एकड़ जमीन देने को तैयार हैं, लेकिन इसकी शर्त यह होगी कि बदले में रेलवे को जगदीशपुर हाल्ट के समीप उतनी ही जमीन बिहार सरकार दे. रेलवे के इस पत्र के बाद जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. सदर एसडीओ व जगदीशपुर सीओ को जगदीशपुर में जमीन की तलाश करने का निर्देश दिया है. इससे पहले 30 मई को जिलास्तरीय पदाधिकारी, सुलतानगंज के सीओ और रेलवे के पदाधिकारी सुलतानगंज में रेलवे की जमीन का निरीक्षण कर चुके हैं.
बढ़ती जा रही श्रद्धालुओं की संख्या, जरूरी है मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग
श्रावणी मेला में हर साल श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. पिछले वर्ष करीब 1.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था. यह अपनेआप में एक अद्भुत रिकॉर्ड है. तीर्थयात्रियों को ठहराने के लिए जर्मन हंगर की व्यवस्था वर्ष 2024 में की गयी थी. लेकिन आनेवाले वर्षों में सिर्फ इससे काम नहीं चल सकता है. जरूरतें लगातार बढ़ती जा रही हैं और अस्थायी व्यवस्था करने में बड़ी राशि खर्च करना पड़ती है. मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग बन जाने से खर्च में कमी आयेगी.
डीएम ने मांगी थी जमीन
सुलतानगंज में जहाजघाट के पास रेलवे की अनुपयोगी 17 एकड़ 47.625 डिसमिल जमीन उपलब्ध है. इस जमीन पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है. बरसात के दिनों में नाले का पानी और गंगा नदी के रिवर्ट करेंट से उक्त भू-भाग डूबा रहता है. जमीन के ट्रांसफर के लिए मालदा के मंडल रेल प्रबंधक को लीज पर देने, बदलेन या स्थायी रूप से देने के प्रस्ताव के लिए 28.11.2024 को डीएम द्वारा मांग की गयी थी. इसकी सूचना ई-मेल के माध्यम से पर्यटन विभाग व नगर विकास विभाग को भी प्रेषित की गयी थी. फिर बिहार सरकार के राजस्व व भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने मालदा के डीआरएम को लीज के आधार पर जमीन देने का अनुरोध किया.
ये है योजना
उक्त भू-भाग की मिट्टी भराई व ऊंचा कराने के लिए अर्थवर्क कराया जायेगा. इससे यह डूबेगा नहीं और उपयोगी भी हो जायेगा. साथ ही स्थायी नाले की व्यवस्था करके नाले की गंदगियों व गंगा के रिवर्ट करंट का स्थायी निदान करने का प्रस्ताव बनाया गया है. इसके बाद उक्त भूमि पर पर्यटकीय दृष्टिकोण से बहुमंजिली इमारत का निर्माण कर श्रद्धालुओं व कांवरियों को ठहराने के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करा दी जायेगी. इससे प्रति वर्ष होनेवाले खर्च में भी कमी आयेगी. रेलवे का यह नियम ही है कि अगर रेलवे की कोई जमीन दूसरे विभाग को दी जाती है, तो उस विभाग से रेलवे बदले में उतनी जमीन लेता है. इस कारण भागलपुर जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि जगदीशपुर हाल्ट के पास जमीन उपलब्ध करा दे. अभी तक जिला प्रशासन से जवाब नहीं मिला है.
मनीष कुमार गुप्ता, डीआरएम, मालदाB
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