Drowning: अजगैबीनाथ गंगा घाट में स्नान के दौरान किशोर डूबा, झारखंड से मुंडन कराने सुलतानगंज आया था परिवार

Drowning: भागलपुर जिले के सुलतानगंज स्थित अजगैवीनाथ गंगा घाट में स्नान के दौरान एक युवक डूब गया. परिजन के साथ मुंडन करने गंगा घाट पहुंचे थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2022 1:38 PM
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Drowning: भागलपुर जिले के सुलतानगंज स्थित अजगैवीनाथ गंगा घाट में स्नान के दौरान एक युवक डूब गया. परिजन के साथ मुंडन करने गंगा घाट पहुंचे थे. स्नान के दौरान 17 वर्षीय युवक विशाल कुमार उर्फ आदित्य राज डूब गया. झारखंड के साहिबगंज निवासी पिता अजय चौधरी ने बताया कि सोमवार की सुबह गंगा स्नान करने के दौरान बेटा डूब गया. कोई खोजबीन करनेवाला नही था.

काफी देर के बाद गोताखोर आने के बाद खोजबीन की गयी. दोपहर बाद तक बेटा बरामद नहीं हो पाया है. परिजन का रो रो कर बुरा हाल है. डूबे युवक की खोजबीन एसडीआरएफ टीम द्वारा की जा रही हैं. मालूम हो कि विगत 14 अप्रैल को एक युवक गंगा मे डूबा था. लोगों ने बताया कि सुलतानगंज में एक माह के अंदर डूबने की यह दूसरी घटना सोमवार को हुई है. लेकिन, प्रशासन मुकम्मल व्यवस्था अब तक नहीं करा पाया है.

गंगा के घाट पर सुरक्षा घेरा नहीं रहने से स्नान करनेवाले लोगों को रोज परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्नान के दौरान बाहर से आनेवाले लोगों को गंगा के जलस्तर की गहराई का पता नहीं लग पाने से डूबने की घटना होती है. इससे परिवार के बीच कोहराम मच जाता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि डूबने की घटना को लेकर प्रशासन द्वारा बैरिकेडिंग की सुविधा उपलब्ध कराना चाहिए.

लोगों ने बताया कि सुलतानगंज के गंगा घाट की विशेष महत्ता है. इसलिए यहां पर सालों भर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहना चाहिए. प्रशासन की व्यवस्था यहां पर मुकम्मल रहे. इसके लिए सरकार से मांग की जायेगी. एसडीआरएफ टीम अजगैबी मंदिर के समीप रहने की व्यवस्था की जाये. घाट पर एसडीआरएफ टीम के सदस्य का मोबाइल नंबर सार्वजनिक किया जाये, ताकि कोई घटना होने पर तुरंत खबर दी जा सके.

हर दिन बिहार सहित दूसरे प्रांत से श्रद्धालु गंगा स्नान करने पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए यहां सालों भर स्थायी बैरिकेडिंग की सुविधा उपलब्ध प्रशासन मुहैया कराये. सुरक्षा नौका के साथ दो वॉलिंटियर को बहाल किया जाये. गंगा स्नान करनेवाले श्रद्धालुओं को जागरूक करते रहे कि घाट असुरक्षित है. इसके बाद ही इस तरह के हादसे पर विराम लग सकता है. गंगा घाट पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए बिहार सहित कई राज्यों के लोग पहुंचते हैं. वो सुरक्षित स्नान कैसे करेंगे, जानकारी नहीं मिलती है. लोग जान जोखित में डाल कर स्नान करते हैं. इससे वे दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.

गंगा घाट पर हजारों का कारोबार रोज होता है. गंगा घाट पर्यटक व आस्था का केंद्र बना हुआ है. इस कारण बिहार-झारखंड समेत कई जिले के लोग हर दिन यहां गंगा स्नान करने के लिए पहुंचते हैं. पर्यटकों से यहां सैकड़ों परिवार की रोजी-रोटी जुड़ी है. रोजी-रोटी का साधन इसी पर्यटक के भरोसे होता है. लेकिन, फिर भी इन पर्यटकों और श्रद्धालुओं को सुविधा देने के नाम पर स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन उदासीन बना है.

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