बिहार के गौरवशाली भौगोलिक संकेत उत्पाद कतरनी धान, जर्दालू आम, लीची और मगही पान अब राष्ट्रीय डिजिटल मंच में ई नाम पर चमकेगा. भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ई नाम प्लेटफार्म पर उत्पादों को शामिल करने की ऐतिहासिक स्वीकृति दी गई है. बीएयू सबौर इन उत्पादों के प्रमाणीकरण वैज्ञानिक मानकीकरण और मूल्य संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाई है. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ डीआर सिंह ने इसे बिहार के किसानों के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में परिवर्तनकारी पहल बताया. कहा कि ई नाम में बिहार के विशिष्ट जीआई उत्पादों की उपस्थिति उनके ब्रांड मूल्य को बढ़ाएगी, बल्कि किसानों को प्रतिस्पर्धी मूल्य और राष्ट्रीय बाजार की पहुंच भी प्रदान करेगी. यह बिहार को एग्री इनोवेशन और ब्रांडिंग के राष्ट्रीय केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में कारगर साबित होगी. बिहार के चार जीआई उत्पादों की ई नाम प्लेटफार्म पर उपस्थिति केवल एक तकनीकी पहल नहीं, बल्कि एक डिजिटल समावेशन कृषि नवाचार ग्रामीण समृद्धि और वैश्विक ब्रांडिंग की दिशा में ऐतिहासिक कदम है. बीएयू सबौर के नेतृत्व कार्य भूमिका से यह स्पष्ट है कि अब राज्य न केवल उत्पादन में अग्रणी है, बल्कि विपणन नवाचार और निर्यात की दिशा में भी नई उड़ान भरने को तैयार है.
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