नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में सांप के काटने से इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गयी. मृतक बच्ची रंगरा थाना के भवानीपुर के अजीत कुमार की पुत्री लक्ष्मी कुमारी(5) है. बताया गया कि दादी पारो देवी खेत में मूंग तोड़ रही थी. लक्ष्मी कुमारी वहीं खेल रही थी. इस दौरान लक्ष्मी को सर्पदंश हुआ. बच्ची ने यह बात दादी को बतायी. परिजनों ने इलाज के लिए बच्ची को अनुमंडल अस्पताल में भर्ती करवाया गया. इलाज के दौरान चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी ने 20 हजार रुपये की मांग करने लगे. परिजनों ने पांच हजार रुपये दिये. परिजन 15 हजार रुपये देने की बात कह रहे थे. पूरे रुपये नहीं देने पर बच्ची को बिना इलाज के भागलपुर अस्पताल रेफर कर दिया. परिजन बच्ची की हालत खराब होता देख इलाज के लिए निजी क्लिनिक ले गये, किंतु वहां भी बच्ची का इलाज करने से इंकार कर दिया गया. बच्ची का ठीक से इलाज नहीं होने से मौत हो गयी. दादा रुपये मांगने व देने का आरोप लगा रहे थे. बच्ची की मौत होने के पश्चात परिजन चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे थे. बच्ची की माैत की सूचना पर काफी संख्या में ग्रामीण अस्पताल पहुंच गये और हंगामा करने लगे. आक्रोशित ग्रामीणों ने स्वास्थ्य कर्मी की पिटाई भी की. ग्रामीणों का आक्रोश को देख चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल से फरार हो गये. घटना की सूचना मिलते ही रंगरा थाना की पुलिस, नवगछिया थाना की पुलिस मौके पर पहुंच स्थिति को नियंत्रित किया. सूचना पाकर नवगछिया नप के सभापति के पति प्रेम सागर उर्फ डब्लू यादव अस्पताल पहुंचे. अस्पताल पहुंचने के पश्चात इलाज करने वाले चिकित्सक को बुलाया गया. चिकित्सक से पूछा गया कि सर्प ने बच्ची को किस जगह काटा वह जगह भी ठीक से नहीं बता पाये. विनय कुमार दंत चिकित्सक है. नगर परिषद के सभापति के पति ने बताया कि बच्ची के इलाज में चिकित्सक ने पूरी लापरवाही बरती है. जिस जगह सर्पदंश हुआ था उस जगह का उन्होंने ठीक से मुआयना भी नहीं किया. ऐसे चिकित्सक पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए. डीएम व सीएस को पत्र लिखा जायेगा. अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक डाॅ विनय कुमार ने बताया कि सांप काटने का निशान बच्ची के शरीर पर नहीं दिख रहा था. बच्ची को टिटनेश व ओनडम सुई दी गयी. वेट एंड वाच के लिए बच्ची को रखा गया था. परिजन रेफर करने की बात कह रहे थे. बच्ची को भागलपुर अस्पताल रेफर कर दिया गया. भागलपुर अस्पताल ले जाने के बजाय वह निजी क्लिनिक लेकर चले गये. रुपये मांगने व लेने की बात पूरी तरह बेबुनियाद है. अस्पताल में लगे कैमरे की जांच में सब पता चल जायेगा कि कौन रुपये की मांग कर रहा है. सीएस ने बताया कि पता चला कि बच्ची की हालत की गंभीर थी. उसको बेहतर इलाज के लिए भागलपुर अस्पताल रेफर किया. वह लोग भागलपुर अस्पताल जाने के बजाय निजी क्लिनिक चले गए. बच्ची की मौत हो गयी. अनुमंडल अस्पताल में इलाज के लिए किसी भी तरह का रुपये नहीं लिया जाता है. परिजन रुपये मांगने व देने की बात कह रहे हैं, तो इसकी जांच की जायेगी.
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