= आमलोगों की जद से बाहर होने लगी अब हरी सब्जी की खरीदारी= दियारा की 4000 हेक्टेयर भूमि में फसल डूबी, हरी सब्जियों की लताएं हुई खराब और मुख्य मंडी से लेकर हरेक चौक-चौराहे की मंडी में चढ़ी कीमत
वरीय संवाददाता, भागलपुर
गंगा में जलस्तर बढ़ने के बाद जिले के दियारा क्षेत्र में 4000 हेक्टेयर में लगी अलग-अलग फसलें डूब कर बर्बाद हो गयी. करीब 2000 हेक्टेयर में लगी हरी सब्जियों की फसल खराब हो गयी. इसका असर बाजार पर अब दिखने लगा है. बाजार में हरी सब्जियों की दरें लाल निशान पार कर गयी है. एक सप्ताह के अंदर अधिकतर हरी सब्जियों की कीमत 50 रुपये किलो के पार पहुंच गयी. आमलोगों की जद से बाहर होने के बाद अब किलो की बजाय आधा किलो व पाव में लोग खरीदारी करने लगे हैं.
एक सप्ताह पहले ही हर सब्जी की कीमत 10 रुपये प्रति किलो बढ़ी थी, अब दो-तीन गुना हुई
एक सप्ताह पहले जहां 10 रुपये प्रति किलो हरेक हरी सब्जियों की कीमत बढ़ी थी और अब सभी सब्जियों की कीमत दोगुनी-तीनगुनी हो गयी. मुख्य मंडी के सब्जी दुकानदार मुन्ना प्रसाद ने बताया कि पहले तो पानी लगी हुई सब्जियों की कीमत कम थी, अब वैसी सब्जियां भी बाजार में आना बंद हो गयी. दरअसल बाढ़ व बारिश के पानी में अधिकतर सब्जी की सफल बर्बाद होने से नयी फसल होना संभव नहीं है. अच्छी सब्जियों की कीमत दोगुनी व तीनगुनी बढ़ गयी. अब बाहर से सब्जियां आने लगी है. जो परवल पहले 10 से 20 रुपये किलो बिक रहे थे, वही 40 से 50 रुपये किलो हो गये. वहीं भिंडी, नेनुआ, करेली आदि की भी कीमत पहले से बहुत बढ़ गयी है.
हरी सब्जियां बाढ़ से पहले वर्तमान भाव
भिंडी 15 से 20 रुपये किलो 40 से 50 रुपये किलो
भट्टा 30 से 40 रुपये किलो 60 रुपये किलो
हरी मिर्च 60 से 70 रुपये किलो 50 रुपये किलो
बोड़ा 20 रुपये किलो 50 से 60 रुपये किलो
ककोरा 30 रुपये किलो 50 रुपये किलोपत्ता गोभी 20 से 30 रुपये किलो 40 रुपये किलो
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