दीपक राव, भागलपुर
कई बार ऐसा हुआ है कि मानसून केरल तट पर जल्द पहुंचा लेकिन देशभर में उसकी गति और बारिश की मात्रा असमान रही. ऐसी स्थिति धान की खेती के लिए अनुपयुक्त है. धान की खेती 60 साल से सक्रिय रूप से कर रहे हैं.
मृगेंद्र सिंह, किसान, शाहकुंड
राजशेखर, कतरनी उत्पादक किसान, जगदीशपुर
कृष्णानंद सिंह, धान उत्पादक किसान, कहलगांव व सबौर
पहले मानसून आने व कम गर्मी होने से धान की खेती पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा, बशर्ते किसानों को सजग रहना होगा. दरअसल इस क्षेत्र में अब भी लंबी अवधि वाले धान की खेती होती है. केवल मूंग की खेती से अधिक उत्पादक नहीं ले सकेंगे. सीधी बुआई वाले धान की खेती पहले शुरू करना होगा. रोपा करने वाले को अधिक दिक्कत नहीं होगी.
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