बिहार सरकार ने लिया बड़ा निर्णय
जानकारी के मुताबिक, सरकार ने इसे रॉक कट टेंपल के रूप में सुरक्षित घोषित करने जा रही है. लाखों की संख्या में हर साल पर्यटक यहां घूमने पहुंचते हैं. यहां शांति का माहौल लोगों को खूब पसंद आता है. लोग यहां मेडिटेशन और प्रकृति का लुत्फ उठाने भी आते हैं. बता दें कि, भागलपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर राजघाट से आगे बढ़ने पर गंगा नदी में तीन पहाड़ियां दिखाई देती हैं. शांति बाबा पहाड़, बंगाली बाबा पहाड़ और पंजाबी बाबा पहाड़. ऐतिहासिक रूप से ये पहाड़ियां बुद्ध आश्रम, तापस आश्रम और नानकशाही आश्रम के रूप में जानी जाती थीं.
की जाएगी ऐतिहासिक और पुरातात्विक जांच
वहीं, अब बिहार सरकार की प्लानिंग है कि, इसे रॉक कट टेंपल के तौर पर संरक्षित किया जाएगा. कला, संस्कृति और युवा विभाग की पहल पर इन पहाड़ियों की ऐतिहासिक और पुरातात्विक जांच की जाएगी. इसके साथ ही इन्हें बिहार प्राचीन पुरातत्व अवशेष एवं कलानिधि अधिनियम 1976 के अंतर्गत अधिसूचित कर संरक्षित घोषित किया जाएगा. ऐसे में कहा जा रहा है कि, इस पहल से इस इलाके का विकास और पर्यटन सुविधाओं को गति भी मिलेगी. कहा जा रहा है कि, यह निर्णय स्थानीय लोगों के हित को भी ध्यान में रख कर लिया गया है.
विदेशों से भी पहुंचते हैं पर्यटक
गंगा नदी के बीचों बीच तीन पहाड़ियों का यह क्षेत्र आध्यात्मिक दृष्टिकोण से खास माना जाता है. जानकारी के मुताबिक, यह क्षेत्र ‘विक्रमशिला गंगेटिक डॉल्फिन सेंचुरी’ का हिस्सा है, जिसके कारण गंगा नदी में डॉल्फिन का नजारा भी लोगों को देखने के लिए मिलता है. इस तरह से यह क्षेत्र भागलपुर के लोगों के लिए तो खास है ही लेकिन, साथ में अन्य राज्यों और विदेश से भी पर्यटक यहां घूमने के लिए पहुंचते हैं. यहां का प्राकृतिक नजारा लोगों को खूब भाता है.
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