जिले में जमीन से जुड़े विवाद पारिवारिक व्यवस्था को मटियामेट कर रहा है. शहरी व ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. कहीं भाई-भाई से उलझा है तो कहीं सगे संबंधी एक-दूसरे के जान के दुश्मन बन बैठे हैं. जमीन विवाद के कारण झगड़े, मारपीट, हत्या के प्रयास जैसी घटनाएं भी हो रहीं हैं. जमीन बंटवारा को लेकर अधिक विवाद सामने आते हैं. इसके साथ ही जमीन पर कब्जा के मामले भी आ रहे हैं. हालांकि, प्रशासन द्वारा यह दावा किया जाता है कि जमीन विवाद के मामलों में संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई हो रही है, लेकिन हकीकत कुछ और है. अधिकांश मामलों में पीड़ितों को न्याय के लिए थानों और अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर काटना पड़ता है.वहीं पीड़ित पक्ष द्वारा नामजद प्राथमिकी के बाद भी पुलिस की ओर से ठोस कदम नहीं उठाया जाता है.
ऐसे मामलों से अदालत पर भी दबाव बढ़ रहा. भूमि विवाद के कई वर्षों से कोर्ट में चल रहे हैं. लेकिन साक्ष्य के अभाव के कारण न तो पीड़ित को न्याय मिल पा रहा है और न ही गलत करने वालों को सजा. ऐसी स्थिति में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.