नागपंचमी का त्योहार उत्साह और श्रद्धा भक्ति से मनाया गया. नगरह के सुप्रसिद्ध विषहरी मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना की गयी. परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के निर्देश पर आचार्य व पंडितों ने मां विषहरी की आराधना की. मंदिर के पुजारी चंद्र ठाकुर ने बताया कि हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा अर्चना करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. मां विषहरी के दरबार में हाजिरी लगाने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. हर मंगलवार व शनिवार को यहां विशेष पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन होता है.
संबंधित खबर
और खबरें