वर्षों बाद दक्षिणी भागलपुर में बड़े स्तर पर नाला निर्माण कार्य की शुरुआत हुई. यह कार्य गुड़हट्टा चौक से शीतलास्थान होते हुए बौंसी रेल पुल तक सड़क के दोनों ओर किया जा रहा है. इस परियोजना से इलाके में वर्षों से चली आ रही जलजमाव की समस्या से राहत की उम्मीद है. हालांकि स्थानीय लोगों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता और निगरानी को लेकर गंभीर सवाल उठाये हैं. उनका कहना है कि न तो सामग्रियों की गुणवत्ता की जांच हो रही है और न ही किसी स्तर की नियमित मॉनीटरिंग की व्यवस्था है. स्थानीय लोगोंं का कहना है कि नाले का निर्माण के लिए सीलिंग में लगायी जाने वाली ईंट, छर्री और छड़ की क्वालिटी को एक बार अधिकारी को आकर देखना चाहिए. उन्हें यह भी देखना चाहिए कि सड़क किनारे खुले में गिरायी गयी सामग्री किस स्तर की है. स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक पदाधिकारियों और संबंधित विभाग से मांग की है कि निर्माण स्थल पर गुणवत्ता की जांच करायी जाये. जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाये. बुडको के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अखिलेश प्रसाद ने बताया कि शिकायत मिली है. वह खुद जांच करने के लिए शुक्रवार को साइट पर जायेंगे. उन्होंने बताया कि नाला बन जाने के बाद क्लालिटी टेस्ट करायी जायेगी. सामग्रियों में अगर गड़बड़ी मिली तो उसको बदलवा दिया जायेगा.
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