Exclusive: सिंहनान से घोघाबियर, 13 किमी तक खनन पर रोक, फिर भी माफियाओं ने उठाया अरबों का बालू

भागलपुर डीएम व जल संसाधन विभाग ने बालू सिंहनान से घोघाबियर तक बालू उठाव पर रोक लगायी थी. जिसे हाइकोर्ट ने भी बरकरार रखा था. बालू उठाव रोकने के लिए एसडीओ, खनन पदाधिकारी, सीओ व थानेदार को जिम्मेदारी मिली थी

By Anand Shekhar | May 22, 2024 6:30 AM
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नमन कुमार चौधरी, भागलपुर

भागलपुर व बांका में माफिया किसी की नहीं सुनते. इन्हें न कोर्ट के आदेश और न अधिकारियों-पुलिसकर्मियों का डर है. स्थिति यह है कि सिंहनान से घोघाबियर यानी 13 किमी तक रोक के बावजूद माफियाओं ने अरबों का बालू उठा लिया. इसकी जानकारी कुछ अधिकारियों व पुलिस महकमे को है, लेकिन वे कुछ कर नहीं रहे हैं. कभी-कभी दिखाने के लिए छापेमारी कर खानापूर्ति कर ली जाती है.

चांदन नदी से अंधाधुंध बालू निकाला गया है. इधर, भीषण गर्मी में सिंचाई और पीने के पानी के लिए लोग त्राहिमाम कर रहे हैं, उधर जगदीशपुर, रजौन, सजौर व अमरपुर सहित अन्य जगहों पर बालू माफिया चांदी काट रहे हैं. चांदन नदी में रजौन के सिंहनान, अमदाहा, अमरपुर के बेरमा ,भदरिया घाट से इन दिनों  2000 ट्रैक्टर बालू रोज अवैध तरीके से उठाव हो रहा है.

चांदन नदी के उस क्षेत्र से बालू उठाव हो रहा है, जिस क्षेत्र में उठाव पर 2011 में बांका डीएम ने रोक लगायी थी. बालू घाट का डाक लेने वाले ठेकेदार हाइकोर्ट गये, जहां कोर्ट ने डीएम के आदेश को बरकरार रखा. बावजूद बालू माफियाओं ने अरबों रुपये का बालू उठा लिया.

किसान बोले- बालू घाट का हो डाक हो, नहीं तो माफिया सब लूट ले जायेंगे

किसानों ने बताया कि सिंहनान घाट का डाक नहीं होता है. ताजा स्थिति है कि प्रतिबंधित क्षेत्र में मात्र 20-25 प्रतिशत बालू बचा है. सरकार को अरब रुपये का राजस्व का नुकसान हुआ है. किसानों ने कहा कि इससे अच्छा है कि घाट का डाक हो जाये, ताकि सरकार को राजस्व मिल सके. खनन के खिलाफ एकजुट हुए थे किसान

साल 2008 के चांदन नदी में बालू खनन के खिलाफ किसान एकजुट हुए. डीएम, जल संसाधन विभाग को आवेदन दिया. किसानों के मांग पर तत्कालीन डीएम ने किसानों के हित मे 15.10.2011 को बांका क्षेत्र के घोघा बियर से सिंहनान तक 13 किलोमीटर क्षेत्र में बालू उठाव पर रोक लगा दिया.

डीएम की रोक के खिलाफ बालू घाट ठेकेदारों ने सक्षम पदाधिकारी के पास अपील में गये. डीएम के आदेश को रोक दिया गया. पुनः किसान हाइकोर्ट गये और बालू उठाव रोकने की अपील की. कोर्ट में सुनवाई चली. पटना हाइकोर्ट ने भी डीएम के आदेश को बरकरार रखा और आगे का निर्णय डीएम पर ही छोड़ दिया.

रुपये देने पर नदी में वाहनों की होती है इंट्री

जगदीशपुर क्षेत्र के बालू माफिया रात में चांदन नदी में रजौन के सिंहनान घाट घुसते हैं. माफियाओं का ट्रैक्टर जगदीशपुर क्षेत्र से रजौन इंट्री करने का चार्ज 1000 रुपये लिया जाता है. रजौन से बालू उठाने के एवज में 700 रुपये लिया जाता है. दो जगह नदी में स्थानीय रंगबाज अपने आदमियों के साथ रहते हैं. वे ट्रैक्टर वालों से 200 रुपये अलग से लेते हैं. जगदीशपुर मुख्य रोड से इंट्री करने वाले ट्रैक्टर से 1000 रुपये एक होटल के पास खड़े पासर लेते हैं. 

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