Shravani Mela 2025, शुभंकर, सुलतानगंज (भागलपुर): सावन की दूसरी सोमवारी से पहले रविवार को सावन कृष्ण पक्ष दशमी तिथि पर अजगैवीनगरी भक्ति से सराबोर हो उठी. उत्तरवाहिनी गंगा तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. डेढ़ लाख से अधिक कांवरियों ने गंगा स्नान कर कांवर में पवित्र जल भरकर बोल बम के जयकारों के साथ देवघर प्रस्थान किये. नेपाल, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कांवरियाें ने गंगा जल भर बाबाधाम गये. महिला, पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे सभी के चेहरे पर महादेव की भक्ति की चमक झलक रही थी. पूरा वातावरण बोल बम, हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज रहा था.
डाक बमों की रही विशेष धूम
इस बार डाकबम बनने का जबरदस्त उत्साह देखा गया. प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार रविवार शाम चार बजे तक कुल 6338 डाकबम प्रमाण पत्र जारी किये गये, जिसमें 5755 पुरुष और 583 महिलाएं शामिल थीं. इन डाकबमों ने 24 घंटे में जलार्पण का संकल्प लेकर बाबाधाम की यात्रा शुरू की.
सावन की सबसे खास सोमवारी आज
श्रावणी मेला में युवाओं में डाकबम बनने का जबरदस्त उत्साह है. डाकबम युवाओं में विश्वास है कि कम समय में जल चढ़ा कर वह पूरे साल के लिए सुख-शांति, समृद्धि व उन्नति का आशीर्वाद पा सकते हैं. बोल बम के जयकारों के साथ हजारों डाकबम सुलतानगंज से रवाना हुए, तो पूरा माहौल शिवमय हो गया. शिविरों में स्वयंसेवी संगठनों की ओर से पानी, फल, दवा व प्राथमिक उपचार जैसी सुविधाएं निशुल्क दी जा रही थी. हर शिविर में सेवा के लिए युवाओं की टीम तत्पर नजर आयी.
कच्ची कांवरिया पथ गड्ढों में तब्दील, जगह-जगह फिसलन से कांवरिया परेशान
श्रावणी मेला के 10वें दिन सुलतानगंज से बाबाधाम जानेवाले कच्चा कांवरिया पथ की स्थिति परेशान करने वाली बन गयी है. बारिश के बाद जगह-जगह गड्ढे, कीचड़ और फिसलन ने कांवरियों की यात्रा को मुश्किल बना दिया है. मूसलधार बारिश के बाद कांवरिया पथ पर बने गड्ढों में पानी भर गया है, जिससे श्रद्धालु लगातार फिसल चोटिल हो रहे हैं. श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए आयोजित तैयारी की समीक्षा बैठक में डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिये थे कि कच्चा कांवरिया पथ पर नियमित बालू व पानी का छिड़काव और समतलीकरण कार्य हो. मौके की हकीकत इन निर्देशों से बिल्कुल उलट दिख रही है.
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बालू की कमी व लापरवाही से बिगड़ी व्यवस्था
कांवरिया पथ पर पर्याप्त बालू कई स्थान पर नहीं है. लगातार बारिश ने पहले से डाले गये बालू को बहा दिया है. अब पथ की मिट्टी उभर आयी है, जिससे कांवरियों के लिए चलना जोखिम भरा हो गया है. शिवनंदनपुर गांव के समीप पथ की स्थिति सबसे खराब है, जहां कांवरिया चलते-चलते अचानक गड्ढे में गिर रहे हैं. पथ किनारे दुकान लगाने वाले संजय यादव बताते हैं कि ठेकेदार के पास बालू का स्टॉक ही नहीं है. वह कहां से डालेंगे. डीएम ने हर दो किलोमीटर पर बालू स्टॉक रखने का निर्देश दिया था. ठेकेदार का मुंशी आकर पथ के किनारे की मिट्टी खुरच कर गड्ढे भरवाता है, जो और खतरनाक स्थिति पैदा कर रहा है.
कांवरियों की सुरक्षा पर संकट
श्रावणी मेला में कांवरियों की सुविधा और सुरक्षा के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाएं बनायी जाती हैं, लेकिन जमीन पर उनकी हकीकत इस बार उजागर हो गयी है. कच्चा कांवर पथ की दुर्दशा न केवल प्रशासनिक अनदेखी को दर्शाती है, बल्कि आस्था से जुड़े इस ऐतिहासिक आयोजन को भी बदनाम करती है. यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाये गये, तो श्रद्धालुओं की यात्रा और व्यवस्था दोनों पर सवाल खड़ा हो जायेगा.
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श्रद्धालु बोले- अब सिर्फ बाबा को देखना है
श्रावणी मेले की आस्था हर साल कुछ नया दृश्य प्रस्तुत करती है. रविवार को श्रद्धा की एक अनोखी मिसाल तब देखने को मिली जब दो डाक बम मास्टर दरभंगा और सिवान के राजेंद्र यादव,आंखों पर मोटी पट्टी बांधकर नयनबंद यात्रा पर निकल पड़े. बाबा दरबार में पूरी आस्था और समर्पण के साथ पहुंचने की यह अनूठी साधना कांवरिया पथ पर लोगों के लिए कौतूहल का विषय बन गई.दोनों डाकबमों ने कच्ची कांवरिया पथ पर बताया, हमें अब कुछ नहीं देखना है, सिर्फ बाबा को देखना है. यह यात्रा पूरी तरह बाबा को समर्पित है.उन्होंने बताया कि गंगाजल भरने के बाद बिना देखे यात्रा शुरू की है, और अपने सहयोगी के साथ बाबा की कृपा से मार्ग की हर बाधा पार बाबाधाम में बंद नयन खोलेंगे.
वैदिक जागृति मंच का प्रयास
कांवरियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वैदिक जागृति मंच द्वारा रेल ओवर ब्रिज पर कारपेट बिछाया गया, ताकि कांवरियों को फिसलन से राहत मिल सके. अध्यक्ष वैदिक जागृति मंच सह पुलिस पब्लिक शांति समिति अध्यक्ष दीपांकर प्रसाद(संजय) ने बताया कि इस छोटे से प्रयास को कांवरियों ने सराहा.कार्यक्रम में बीडीओ ,थानानाध्यक्ष एवं नगर परिषद के कर्मी मौजूद थे.
लेकिन भोलानाथ पुल पर जलजमाव से कांवरियों को हुई परेशानी वैकल्पिक मार्गों पर नहीं दिखी पुलिस
इधर, सावन की दूसरी सोमवारी को जिले में बड़ी संख्या में कांवरियों का सुल्तानगंज से बासुकीनाथ तक यात्रा करते देखा गया. प्रशासन द्वारा मुख्य सड़कों पर पुलिस बल की तैनाती कर यातायात को नियंत्रित किया गया, जिससे अधिकांश जगहों पर व्यवस्था सुचारु रही.लेकिन भोलानाथ पुल के पास जलजमाव की समस्या ने कांवरियों की यात्रा को जद्दोजेहद करने पर मजबूर कर दिया. पानी भरने से पुल की सतह फिसलन भरी हो गई, जिससे कई कांवरियों को पैदल चलने में कठिनाई हुई. स्थानीय लोगों ने बताया कि बारिश के बाद से ही पुल पर जलजमाव के कारण कांवरियों की समस्या झेलनी पड़ती है.
वैकल्पिक मार्गों पर नहीं थी पुलिस तैनात
भोलानाथ पुल पर समस्या होने के बाद कांवरियों के लिए वैकल्पिक मार्ग सुनिश्चित किया गया है. पानी अधिक होने कारण उसी रस्ते से गुजरना पड़ा, लेकिन उन रास्तों पर सुरक्षा या मार्गदर्शन के लिए पुलिसकर्मी नहीं दिखे. जिससे एक समस्या कांवरियों के लिए बनी रही. इस दौरान कई कांवरियों को रास्ता ढूंढने में भी परेशानी हुई.
यातायात पुलिस की ओर से दावा किया गया था कि कांवर यात्रा के दौरान सभी संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था और सुविधा प्रदान की जाएगी, लेकिन भोलानाथ पुल की स्थिति ने इन दावों पर सवाल खड़े कर दिये.
स्थानीय प्रशासन से कांवरियों और स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस समस्या का समाधान अविलंब किया जाए, और वैकल्पिक मार्गों पर भी पुलिस की तैनाती सुनिश्चित की जाए, ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित और सुगम बनी रहे.
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