-टेस्टिंग पीरियड में एक बार में चार लाख पौधा तैयार करने का है लक्ष्य, आयेगा 10 लाख से अधिक खर्चदीपक राव, भागलपुर
अब तक महाबलेश्वर, पुणे, हिमाचल प्रदेश से मंगाया जाता है पौधा
भागलपुर की नर्सरी के पौधे में अधिक होगा फलन व मिठास भी
भागलपुर की नर्सरी में पौधे तैयार होने से अधिक से अधिक फलन होगा और मिठास भी अधिक होगी. दरअसल, यहां के वातावरण में समायोजित होकर पौधा तैयार होकर जब खेतों में लगाये जायेंगे तो देसी तरीके से खेती की जा सकेगी. इसमें पौधे में फलन अधिक होगा. स्ट्रॉबेरी की गुणवत्ता भी अधिक होगी और बीमारी भी कम लगेगी. गुंजेश गुंजन ने बताया कि अब तक दूसरे प्रांतों से पौधे मंगाने में खर्च भी अधिक लगता था और पौधे भी खराब हो जाते थे. इसी कारण निर्णय लिया कि यहां ही स्ट्रॉबेरी के पौधे मदर प्लांट से तैयार करेंगे. इसके लिए टिश्यू कल्चर में मदर प्लांट से पौधा तैयार करके टेस्टिंग की जा चुकी है. अब तो पौधे तैयार करने का काम शुरू हो गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
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