Bihar: सरकारी योजनाओं में लापरवाही अब अफसरों को भारी पड़ रही है. भागलपुर के DM डॉ. नवल किशोर चौधरी ने सोमवार को एक समीक्षा बैठक के दौरान 5 अंचल अधिकारियों (CO) और 4 प्रखंड कृषि पदाधिकारियों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश जारी कर दिया. यही नहीं, इन कृषि पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.
यह सख्त कदम डॉ. अंबेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत महादलित टोलों में लगाए गए विकास शिविरों की समीक्षा के दौरान उठाया गया. बैठक में सामने आया कि कहलगांव, शाहकुंड, बिहपुर और सबौर के कृषि पदाधिकारियों ने किसानों के पंजीकरण जैसे अहम कार्यों में लापरवाही बरती. वहीं, गोपालपुर, पीरपैंती, इस्माइलपुर, सबौर और कहलगांव के सीओ भी किसानों के काम में रुचि नहीं ले रहे थे.
‘अब कोई कोताही बर्दाश्त नहीं’— डीएम का साफ संदेश
DM चौधरी ने दो टूक कहा कि विकास योजनाओं में कोताही बरतने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे इन चारों कृषि पदाधिकारियों के खिलाफ विभागीय अनुशंसा भेजें और उनके कार्यों की निगरानी करें.
पहले भी दिखा चुके हैं प्रशासनिक सख्ती
डॉ. नवल किशोर चौधरी का सख्त प्रशासनिक अंदाज पहले भी सामने आ चुका है. अप्रैल 2024 में भूमि विवाद निपटारे में सुस्ती दिखाने पर उन्होंने जिले के 39 थाना प्रभारियों का वेतन रोका था. जून 2024 में राशन कार्ड वितरण में देरी पर डीएसओ को फटकार लगाई थी. अब यह ताज़ा कार्रवाई उनके उसी रवैये की अगली कड़ी मानी जा रही है.
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अधिकारियों में खलबली, प्रशासनिक ढांचे में हलचल
DM की इस कार्रवाई के बाद पूरे जिले के प्रशासनिक ढांचे में हड़कंप मच गया है. हर स्तर के अधिकारी अब अपने कामकाज को लेकर सतर्क हो गए हैं. यह स्पष्ट हो गया है कि अब कागजी खानापूर्ति या उदासीनता से काम चलने वाला नहीं है— खासकर जब बात महादलित और वंचित वर्गों के सशक्तिकरण की हो.