हाईकोर्ट ने दिया आदेश
वहीं, इस बार प्रोजेक्ट के पूरा करने को लेकर पटना हाईकोर्ट की ओर से 18 महीने का आदेश दिया गया. जोर-शोर से काम कर तय समय सीमा के अंदर ही इसे करने का आदेश दिया गया है. वहीं, परियोजना की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संवेदक द्वारा प्रस्तुत डिजाइन और ड्रॉइंग का ऑडिट आईआईटी रुड़की द्वारा किया जा रहा है, जो कि बेहद ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, पुनर्निर्माण की प्रक्रिया तीन चरणों में पूरा कर लिया जाएगा. वहीं, इस काम को तीन चरणों में किया जा रहा है ताकि कार्य में गति और गुणवत्ता बनी रहे.
तीन चरणों में काम होगा पूरा
पहले चरण की बात करें तो, एप्रोच रोड का निर्माण किया जाएगा. इससे निर्माण सामग्री और मशीनरी की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित की जा सकेगी. इसके अलावा दूसरे चरण में कंपोजिट ग्राइडर का निर्माण किया जाएगा. वहीं, यह निर्माण कार्य आरडीएसओ से अनुमोदित कार्यशाला में डिजाइन के अनुरूप शुरू हो चुका है. इधर, तीसरे चरण की बात करें तो, नींव में सुधार का कार्य किया जाएगा. बता दें कि, यह निर्माण कार्य भी विशेषज्ञों की निगरानी और सलाह पर ही किया जा रहा है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या न हो. कुल मिलाकर देखा जाए तो, इस बार पुल की गुणवत्ता पर खास ध्यान रखा जा रहा है. इस पूरे परियोजना की निगरानी के लिए एक मजबूत परियोजना क्रियान्वयन इकाई गठित की गई है, जो हर चरण में निर्माण कार्य पर विशेष ध्यान रखेगी.
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