टीएमबीयू के पीजी इतिहास में पैट परीक्षा के बाद रिसर्च मेथडोलॉजी में नामांकन में धांधली मामले की जांच रिपोर्ट विवि ने सार्वजनिक की है. बताया जा रहा है कि प्रेम कुमार दास के आरोपों पर कुलपति प्रो जवाहर लाल के आदेश पर डीएसडब्ल्यू प्रो विजेंद्र कुमार की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की गयी थी. कमेटी ने कुलपति को अपनी रिपोर्ट दी है, जिसमें कहा गया कि आवेदक प्रेम कुमार दास का आरोप पूरी तरह गलत है. दावे को कमेटी ने पूरी तरह खारिज एवं अमान्य बताया है. आवेदक को कुल प्राप्त अंक 82 है एवं अन्य अभ्यर्थियों क्रमश: यूआर-1, यूआर-5 एवं यूआर-11 को आवेदक से अधिक अंक प्राप्त थे. इसी आधार पर आवेदक का चयन नहीं किया गया. वहीं, अभ्यर्थी शोभा कुमारी द्वारा पैट 23 में ईबीसी आरक्षण नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया था. विवि ने कहा कि आरक्षण नियमों का पालन करते हुए आवेदक के 10 अंक ग्रेस देने की मांग को खारिज किया गया. अभ्यर्थी दुर्गा शर्मा एवं रिमझिप ने पैट 2023 में अलग-अलग अंक जारी नहीं करने का आरोप लगाया था. इस बाबत कहा गया कि पैट 2023 का रिजल्ट अलग-अलग अंकों के साथ जारी किया गया था. दूसरी तरफ नंदनी प्रजापति ने पीएचडी नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. विवि ने कहा कि पैट 2023 की परीक्षा का आयोजन पीएचडी यूजीसी रेगुलेशन 2016 एवं राजभवन के दिशा निर्देश के आधार पर कराया गया है.
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