आरफीन जुबैर, भागलपुर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय उपेक्षा के संक्रमण से संक्रमित होता जा रहा है. सुविधाएं तो कई दी गयीं और उस पर करोड़ों रुपये खर्च किये गये, लेकिन छात्रों-शिक्षकों के किसी काम के नहीं. हालत यह है कि यहां अस्पताल है, लेकिन उसमें दवा नहीं है. ऑडिटोरियम है, पर उसमें कार्यक्रम आयोजित नहीं होते. कैंटीन भी है, पर उसमें चाय भी नहीं मिलती. इससे भी बड़ी बात है कि इन सब के खोने की चिंता किसी को नहीं है. सिर्फ बातें बड़ी-बड़ी हैं. अस्पताल और कैंटीन शारीरिक स्वास्थ्य की रक्षा करता है, जबकि सांस्कृतिक कार्यक्रम मानसिक स्वास्थ्य की, लेकिन इन दोनों मोर्चें पर विवि विफल है. अस्पताल : तीन साल से नहीं हुई दवा की खरीद फोटो – विद्यासागर टीएमबीयू के अस्पताल में तीन साल से दवा की खरीदारी नहीं हो पायी है. वर्ष 2022 में अस्पताल के लिए विवि स्तर से करीब पांच लाख की दवा खरीदी गयी थी. इसके बाद खरीदारी नहीं हुई. अस्पताल में संविदा पर एक चिकित्सक, कंपाउंडर व कर्मचारी कार्यरत हैं. यहां 20 हजार विद्यार्थी, शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी हैं. नामांकन के समय विद्यार्थियों से मेडिकल के नाम पर शुल्क लिया जाता है. चार लाख से अधिक की राशि दवा की खरीद के लिए मंजूरी दी गयी थी. रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे ने बताया कि दुकानदार द्वारा जीएसटी सहित भुगतान करने की बात कर रहे थे. इसी कारण खरीदारी नहीं हो सकी. जल्द ही दवा की व्यवस्था की जायेगी. सांस्कृतिक परिषद की तीन साल से गतिविधि ठप फोटो : विद्यासागर (ऑडिटोरियम) टीएमबीयू के ऑडिटोरियम का 16 जुलाई 2009 को तत्कालीन कुलाधिपति डॉ देवानंद कुंवर ने उद्घाटन किया था. वर्ष 2012 में सीनेट की बैठक हुई थी. इसके बाद एक शाम को पार्टी हुई थी. फिर कोई कार्यक्रम यहां होते नहीं देखा गया. फिर विश्वविद्यालय के पास परीक्षा की कॉपियों का बोझ बढ़ता गया और उन कॉपियों का स्टोर रूम के रूप में ऑडिटोरियम का इस्तेमाल होता रहा. दूसरी ओर देखें, तो विवि में सांस्कृतिक परिषद की गतिविधि तीन साल से ठप है, जबकि स्नातक व पीजी में नामांकन के दौरान कल्चर मद में छात्रों से राशि ली जाती है. चार साल से बंद है कैंटीन फोटो : विद्यासागर (कैंटीन) टीएमबीयू कैंपस व पीजी गर्ल्स हॉस्टल परिसर स्थित कैंटीन चार साल से बंद है. दूर-दराज से आने वाले छात्र-छात्राएं, शिक्षक व कर्मचारी को बाहर जाकर भोजन या नाश्ता करना पड़ रहा है. विवि के कर्मियों को भोजन या नाश्ता करने व चाय पीने के लिए भी बाहर जाना पड़ रहा है. कैंटीन भवन का उद्घाटन कुलपति प्रो रमाशंकर दुबे व प्रतिकुलपति प्रो एके राय ने 18 अप्रैल 2016 को किया था. कुछ महीने तक कैंटीन चला भी और कुछ महीने तक बंद होने के बाद फिर चला, लेकिन दोबारा बंद होने के बाद नहीं खुल सका.
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