टीएमबीयू से रिटायर हुए शिक्षकों को सेवांत लाभ मिलने में हो रही देरी के कई मामले हैं. ऐसा ही एक मामला है डॉ मीरा का. सबौर कॉलेज दर्शनशास्त्र विभाग की शिक्षिका डॉ मीरा 2019 दिसंबर में रिटायर हुईं हैं. छह साल से उन्हें सेवांतलाभ नहीं मिला है. उनके पति अजीत कुमार विवि चक्कर लगा रहे हैं. उनका कहना है कि सुनवाई नहीं हो रही है. डॉ मीरा सिंह का पेंशन से संबंधित सारा दस्तावेज विवि में जमा कराया गया था. उस अवधि में विवि के कुलपति प्रो एके राय थे. सारी प्रक्रिया पूरा होने के बाद रजिस्ट्रार रहे अरुण कुमार के समक्ष बढ़ाया गया था. लेकिन रजिस्ट्रार ने किसी कारण से फाइल को रोक दी. —————– सुप्रीम कोर्ट से तीन माह के अंदर मामले का निष्पादन करने का आदेश शिक्षिका के पति अजीत कुमार ने बताया कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की शरण में चले गये. जनवरी 2025 में कोर्ट ने आदेश देते हुए विवि से कहा कि तीन माह के अंदर मामले का निष्पादन किया जाये. उन्होंने बताया कि इसे लेकर जनवरी 2025 में ही कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए रजिस्ट्रार व कुलपति के मेल पर सारे दस्तावेज भेजे गये. पोस्ट भी किया गया. फरवरी में खुद से विवि जाकर रजिस्ट्रार व कुलपति के कार्यालय में सारे दस्तावेज जमा कराया. उन्होंने बताया कि इतना सब होने के बाद भी विवि में उनके मामले में सुनवाई नहीं हो रही है. वह वर्तमान में दिल्ली नोएडा में रहते हैं. मामले को लेकर एक बार फिर से रजिस्ट्रार से मिलेंगे. मामले का निष्पादन नहीं किया गया, तो फिर से कोर्ट की शरण में जायेंगे. ———————– सुप्रीम कोर्ट व राजभवन का भय हो गया खत्म : संयोजक टीएमबीयू पेंशनर संघर्ष मंच के संयोजक डॉ पवन कुमार सिंह ने कहा कि विवि के अधिकारियों में सुप्रीम कोर्ट, राजभवन व जनता का भय खत्म हो गया है. छह साल से सेवांतलाभ नहीं मिलना संवेदनहीनता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का काम तेजी से हो रहा है आखिर इसकी वजह क्या है. डॉ सिंह ने कहा कि तीन साल से उनका 31 लाख बकाया है. उनकी फाइल ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर हो रही है.
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