तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में शुक्रवार को परीक्षा विभाग में कुलपति प्रो जवाहर लाल ने निरीक्षण किया था. इस दौरान एक फर्जी कर्मचारी को काम करते उन्होंने रंगेहाथ पकड़ा था. इस मामले में शनिवार को परीक्षा नियंत्रक डॉ कृष्ण कुमार ने सफाई दी. उनका कहना था कि 48वें दीक्षांत समारोह में प्रमाणपत्र लिखने के लिए फरवरी में रजिस्ट्रार ने निर्देश दिया था कि तत्काल कुछ लोगों को प्रतिनियुक्त कर लें. इसके बाद सुबोध कुमार को भी रखा गया था, लेकिन दीक्षांत समारोह के बाद उसे हटा दिया गया था. वैसे भी प्रतिनियुक्ति का आदेश ही यही था कि दीक्षांत समारोह के बाद वह कार्य से स्वत: मुक्त हो जायेंगे. इसके बाद किये गये कार्यों का मेहनताना लेने के लिए सुबोध कुमार मेरे पास भी आया करता था. हो सकता है शुक्रवार को भी वह अपना बकाया मेहनताना लेने आया हो. अब सवाल यह उठ रहा है कि जब सुबोध अपना बकाया पैसा लेने आता था, तो शुक्रवार को वह परीक्षा विभाग में काम क्यों कर रहा था. परीक्षा विभाग में सुबोध कुमार को कुलपति ने औचक निरीक्षण के दौरान पकड़ा था. कुलपति को परीक्षा विभाग में कुछ गलत होने की सूचना मिली थी और इसके तुरंत बाद वह दोपहर में अचानक परीक्षा विभाग पहुंच गये थे. विवि के बाहर निकलने वाले सभी दरवाजों को बंद कराने के बाद कुलपति ने निरीक्षण किया था. मूल प्रमाणपत्र जारी करनेवाली शाखा सी में पहुंचे, जहां रिकॉर्ड रूम में अवैध तरीके से काम कर रहे सुबोध कुमार नाम का व्यक्ति पकड़ा गया. कुलपति ने उसका मोबाइल जब्त कर लिया था.
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