bhagalpur news. लीगल काउंसलिंग : श्रमिकों को उनके अधिकारों की सही जानकारी होना आवश्यक

प्रभात खबर कार्यालय में रविवार को प्रभात खबर कार्यालय में आयोजित लीगल काउंसलिंग सत्र में श्रम कानून मामलों में एक्सपर्ट भागलपुर व्यवहार न्यायालय के वरीय अधिवक्ता रजनीकांत सिन्हा ने श्रम कानून से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी.

By NISHI RANJAN THAKUR | June 1, 2025 10:22 PM
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प्रभात खबर कार्यालय में लीगल काउंसलिंग का आयोजन, वरीय अधिवक्ता रजनीकांत सिन्हा ने श्रम कानून पर दी जानकारी

प्रभात खबर कार्यालय में रविवार को प्रभात खबर कार्यालय में आयोजित लीगल काउंसलिंग सत्र में श्रम कानून मामलों में एक्सपर्ट भागलपुर व्यवहार न्यायालय के वरीय अधिवक्ता रजनीकांत सिन्हा ने श्रम कानून से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में श्रमिकों को उनके अधिकारों की सही जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है. कार्यक्रम में कई पाठकों ने श्रम कानून, न्यूनतम मजदूरी, बोनस अधिनियम, पीएफ, ईएसआई एवं कार्यस्थल पर सुरक्षा जैसे विषयों पर सवाल पूछे. अधिवक्ता श्री सिन्हा ने विस्तार से सभी सवालों के उत्तर दिये और बताया कि नियोक्ता और कर्मचारी दोनों की क्या जिम्मेदारियां होती हैं. इस काउंसलिंग सत्र का उद्देश्य आम लोगों को कानूनी रूप से जागरूक करना और उन्हें यह बताना था कि न्याय कैसे प्राप्त किया जा सकता है.

विभास मंडल, नवगछिया.

2. मैं अपनी कंपनी खोलना चाहता हूं. क्या सस्ते दर पर मिलने वाले वर्कर को रख कर काम ले सकता हूं. बाद में कोई समस्या तो नहीं होगी.

3. मेरी मां जीवन भर एक परिवार में दाई का काम करती रही. जिस परिवार में काम करती है, वह काफी धनवान है. अब मेरी मां काम करने में सक्षम नहीं है. क्या बची हुई जिंदगी जीने के लिए वह एक मुश्त रकम का दावा कर सकती है ?एक पाठक, भागलपुरउत्तर – आपको प्रमाणित करना होगा कि आपकी मां ने वर्षों तक सेवा दी है. निश्चित रूप से क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का प्रावधान है. आपको श्रम विभाग के पदाधिकारी के समक्ष अपनी बात रखनी होगी.

एक पाठक, कहलगांव.

5. मेरी पत्नी मायके से नहीं आती है. एक बच्चा भी है. उसे अपने पास लाने का काफी प्रयास किया लेकिन वह आना ही नहीं चाहती है. मुझे क्या करना चाहिए.

उत्तर – आप परिवार न्यायालय जाएं और वहां अपनी बातों को रखें. उम्मीद है आपके साथ न्याय होगा.

दीपक, भागलपुरउत्तर – आप थाने में प्राथमिकी दर्ज करायें और स्टांप में लिखी गयी बातों को अमल में लाने के लिए सिविल सूट करें.

राजाराम साह, मिरजाफरी, खरीक

8.सबको सरकारी नौकरी नहीं मिल पाती है, ऐसे में लोग प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं. लेकिन वहां पर न्यूनतम मजदूरी तक नहीं दी जाती है. क्या करें.

भागलपुर के 50 फीसदी संस्थानों में नहीं मिल रहा श्रमिकों को बोनस और ग्रेच्यूटी

नहीं कराएं बाल मजदूरी, यह एक दंडनीय अपराध हैवरिष्ठ अधिवक्ता रजनीकांत सिन्हा ने लीगल काउंसलिंग के दौरान बाल श्रम को लेकर भी जागरूक किया. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से किसी भी प्रकार का श्रम कराना कानूनन अपराध है. बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत ऐसा करने पर नियोक्ता को सज़ा और जुर्माने दोनों का प्रावधान है. बच्चों का स्थान स्कूल और खेल के मैदान में होना चाहिए, न कि किसी दुकान, फैक्ट्री या होटल में. अधिवक्ता ने लोगों से अपील की कि वे न सिर्फ खुद बाल श्रम से बचें, बल्कि जहां भी देखें, उसकी सूचना संबंधित प्रशासन को दें.

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