महागठबंधन का हिस्सा होकर भी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (से) के ऊपर अनिश्चितता के बादल छाये हुये हैं. अध्यक्ष जीतन राम मांझी महागठबंधन के नेताओं से लगातार समन्वय समिति बनाने की मांग करते आ रहे थे. पिछले महीने कोर ग्रुप की बैठक बुलाने की घोषणा कर अपने कड़े तेवर प्रकट भी किये थे. कांग्रेस के नेताओं से भी मिले. बीच-बीच में अपने बयानों से राजद-कांग्रेस को यह बताने की कोशिश की उनकी सुनवाई कर ली जाये. ऐसे न होने पर अलग रास्ता चुनने तक का इशारा कर दिया था.
इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने नियोजित शिक्षकों को लेकर सरकार के निर्णय के बहाने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ कर दी. साथ ही उनका साथ देने की भी बात कही. एक दिन बाद रविवार कोर कमेटी की बैठक बुलाने का निर्णय ले लिया. गौरतलब है कि आरजेडी ने कोआर्डिनेशन कमेटी बनाये जाने की मांग कर को खारिज कर जीतन राम मांझी को जुलाई में बड़ा झटका दिया था. अपनी मांग के खारिज होने पर ही मांझी ने आनन-फानन में पार्टी के कोर ग्रुप की बैठक बुलाने की बात कही थी.
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एनडीए को हराना ही रालोसपा का मकसद : उपेंद्र कुशवाहा
वहीं, रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को कहा है कि विधान सभा चुनाव आ गया है. कोरोना से बचना भी है, एनडीए गठबंधन को ध्वस्त भी करना है. पार्टी एक ही मकसद है. एनडीए को हराकर एक अच्छी सरकार बनाना है. इससे पूर्व पार्टी के प्रदेश कार्यालय में छात्र नेता रवि उज्जवल ने समर्थकों के साथ रालोसपा का दामन थामा. इस मौके पर कुशवाहा ने कहा कि रवि उज्जवल के साथ नौजवानों की बड़ी टीम है. इनसे पार्टी को काफी मजबूती मिलेगी.
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