पटना : बिहार में राजग में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है. हालांकि, उसका जदयू के साथ कई सीटों पर दोस्ताना मुकाबला हो सकता है. लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के नयी दिल्ली स्थित आवास पर रविवार को पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक हुई.
इसके बाद लोजपा के प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर व लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का भाजपा के साथ मजबूत गठबंधन है, लेकिन राज्य स्तर पर व विधानसभा चुनाव में गठबंधन में मौजूद जदयू से वैचारिक मतभेदों के कारण बिहार में लोजपा ने गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि कई सीटों पर जदयू के साथ वैचारिक लड़ाई हो सकती है ताकि उन सीटों पर जनता निर्णय कर सके कौन सा प्रत्याशी प्रदेश के हित में बेहतर है.
अब्दुल खालिक ने कहा कि लोजपा ‘बिहार पहले बिहारी पहले’ दृष्टिपत्र को लागू करना चाहती थी जिस पर समय रहते सहमति नहीं बन पायी. उल्लेखनीय है कि लोजपा ने गत दो अक्टूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना को भ्रष्टाचार का पिटारा होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि इस योजना के सभी कार्य अधूरे रह गए और भुगतान भी नहीं हुआ.
लोजपा सूत्रों ने कहा कि उनकी पार्टी ‘बिहार पहले बिहारी पहले’ दृष्टिपत्र को लागू करने की मांग कर रही थी जिसपर नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) राजी नहीं है. एक साल से ‘बिहार पहले बिहारी पहले’ (बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट) के माध्यम से उठाए गए मुद्दों पर लोजपा पीछे हटने को तैयार नहीं. लोजपा ने कहा था कि ‘बिहार पहले बिहारी पहले’ दृष्टिपत्र को अगली सरकार लागू करेगी.
खालिक ने कहा कि लोजपा और भाजपा में कोई कटुता नहीं है. लोकसभा में हमारा भाजपा के साथ एक मजबूत गठबंधन है, बिहार में भी हम चाहते थे कि वैसे ही चुनाव लड़ें. उन्होंने कहा कि चुनाव परिणामों के उपरांत लोक जनशक्ति पार्टी के तमाम जीते हुए विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विकास मार्ग के साथ रहकर भाजपा-लोजपा सरकार बनाएंगे. खालिक ने कहा कि लोजपा का मानना है कि केन्द्र की तर्ज पर बिहार में भी भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनें. लोजपा का हर विधायक भाजपा के नेतृत्व में बिहार को प्रथम बनाने का काम करेंगे.
लोजपा सूत्रों ने कहा कि उनकी पार्टी और और भाजपा में कोई कटुता नहीं है और मणिपुर के फार्मूले पर बिहार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अग्रसर है. सूत्रों ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव बाद लोजपा के सभी विधायक मणिपुर के तर्ज पर भाजपा सरकार बनने पर उसका समर्थन करेंगे. लोजपा सूत्र ने कहा कि उनकी पार्टी वर्तमान में राजग का हिस्सा है और आगे भी रहेगी और बिहार विधानसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी के सभी विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ और मज़बूत करेंगे.
लोजपा सूत्रों ने कहा कि इससे पूर्व में भी कई बार देखा गया है कि जो पार्टियां केन्द्र में गठबंधन का हिस्सा होती हैं, वे विभिन्न राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां दिल्ली विधानसभा का चुनाव लोजपा के साथ लड़ा. वहीं, झारखंड एवं मणिपुर में दोनों दलों में कोई गठबंधन नहीं था. मणिपुर में चुनाव परिणामों के पश्चात भाजपा और लोजपा ने मिलकर सरकार बनायी.
लोजपा की केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में सभी सदस्य मौजूद थे. पार्टी सांसद पशुपती पारस व महबूब अली कैसर तबीयत ठीक नहीं होने के कारण वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बैठक से जुड़े थे. लोजपा प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने बताया कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा के 243 सीटों में से 143 पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.
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