बिहार विधानसभा चुनाव 2020 : महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अब तक कोई निर्णय नहीं, वाम दलों को लेकर फंस गया नया पेंच

नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा होने के बाद भी महागठबंधन में सीटों के तालमेल पर अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है और अब वाम दलों को लेकर नया पेंच फंस गया है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस वामपंथी पार्टियों को साथ लेने की पुरजोर पैरवी कर रही है तो महागठबंधन का सबसे बड़ा घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) हिचकिचाहट दिखा रहा है क्योंकि वह भाकपा-माले, भाकपा एवं माकपा को उनकी मांग के मुताबिक सीटें देने को तैयार नहीं है.

By Agency | September 27, 2020 2:55 PM
feature

नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा होने के बाद भी महागठबंधन में सीटों के तालमेल पर अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है और अब वाम दलों को लेकर नया पेंच फंस गया है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस वामपंथी पार्टियों को साथ लेने की पुरजोर पैरवी कर रही है तो महागठबंधन का सबसे बड़ा घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) हिचकिचाहट दिखा रहा है क्योंकि वह भाकपा-माले, भाकपा एवं माकपा को उनकी मांग के मुताबिक सीटें देने को तैयार नहीं है.

सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन के घटक दलों के साथ बातचीत की प्रकिया में शामिल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो जीतन राम मांझी के अलग होने और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के नेता उपेंद्र कुशवाहा के भी अलग राह पकड़ने के अंदेशे को देखते हुए कांग्रेस वाम दलों को विपक्षी गठबंधन में शामिल करने के पक्ष में है.

कांग्रेस नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ छोटे दलों के साथ सीटों पर फैसला नहीं होने के कारण सीट बंटवारे को अब तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. हम चाहते हैं कि वाम दलों को भी साथ लिया जाए क्योंकि बिहार के कुछ इलाकों में उनका भी आधार है और वे वैचारिक रूप से भाजपा विरोधी हैं.” यह पूछे जाने पर कि क्या इसके लिए राजद तैयार नहीं है तो उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआती दौर में वाम दलों के साथ जो संवाद हुआ, उसमें संभवत: उनकी तरफ से इतनी सीटें मांगी गयीं जितना दे पाना राजद के लिए संभव नहीं है. राजद को इसी बात को लेकर हिचकिचाहट है. हालांकि, हमारा कहना है कि सीटों को लेकर उनके साथ बैठकर चर्चा होगी तो बात बन जाएगी.”

उल्लेखनीय है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में भाकपा-माले 98 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे तीन सीटों पर जीत मिली थी, भाकपा 91 और माकपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन उन्हें कोई सीट नहीं मिली थी. रालोसपा के अलग होने की अटकलों पर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘उनके साथ राजद को बातचीत करनी थी. पिछले लोकसभा चुनाव और उपचुनावों के आधार पर राजद नेताओं को लगता है कि कुशवाहा का वोट चुनाव में ट्रांसफर नहीं होता और ऐसे में उनके साथ रहने या नहीं रहने से फर्क नहीं पड़ने वाला है. ऐसे में राजद की तरफ से जो भी फैसला होगा, वो हमें भी स्वीकार्य होगा.”

उधर, महागठबंधन में बिखराव के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, ‘‘चुनाव के समय जब सीटों को लेकर बातचीत होती है तो कुछ नाराजगी देखने को मिलती है. लेकिन, मुझे पूरा भरोसा है कि बिहार के हित में समान विचारधारा वाले सभी दल महागठबंधन में एकजुट होंगे.” उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि जल्द ही सीटों के तालमेल को अंतिम रूप दे दिया जाएगा.” गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 10 नवंबर को होगी.

Upload By Samir Kumar

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version