लालू प्रसाद के राजद एवं कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन में भी स्थिति काफी उलझी हुई प्रतीत हो रही है जहां दो छोटे दल उपेंद्र कुशवाह की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और विकासशील इंसान पार्टी गठबंधन छोड़ने की कगार पर पहुंच गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पहले ही विपक्षी गठबंधन से अलग होकर जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री के साथ आ गए हैं.
उपेंद्र कुशवाह भी राजद के वर्तमान नेतृत्व के खिलाफ मुखर हैं और पार्टी सूत्रों का कहना है कि वे जल्द ही विपक्षी खेमा छोड़ सकते हैं. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता माधव आनंद ने गुरूवार को कहा था कि, ‘‘ हमने महागठबंधन को बचाने के लिये हर संभव प्रयास किया, लेकिन राजद हठ कर रही हैं. हम जिस कारण से साथ आए थे, उसको लेकर हमेशा प्रतिबद्ध है, लेकिन तथाकथित महागठबंधन को लेकर हमें अधिक उम्मीद नहीं दिख रही है जहां पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हम पार्टी राजग में चली गयी है.”
एक तरफ विपक्षी खेमे में नीतीश कुमारे के मुकाबले तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने को लेकर गठबंधन के घटकों के बीच गंभीर मतभेद उभरे हैं, वहीं जदयू और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोजपा के बीच बेहद खराब होते समीकरण से भी राजग गठबंधन की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित पार्टी के नेताओं ने जोर देकर कहा है कि राजग के सभी तीन घटक जदयू, भाजपा और लोजपा साथ चुनाव लड़ेंगे लेकिन चिराग पासवास अभी भी प्रतिबद्ध नहीं दिख रहे हैं.
चिराग पासवान ने पिछले कुछ समय में कोविड-19 महामारी से लेकर प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर नीतीश कुमार पर तंज किया और उनका कहना रहा है कि भाजपा गठबंधन का नेतृत्व करे और जदयू से अधिक सीटों पर चुनाव लड़े. दूसरी ओर, जदयू की ओर से लोजपा को तवज्जो नहीं दी जा रही है. जदयू का कहना है कि उसने पासवान की पार्टी के साथ कभी गठबंधन नहीं किया और सीटों के तालमेल को लेकर लोजपा की चिंताओं को भाजपा को दूर करना है.
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तीन चरणों में, 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को, मतदान होगा जबकि सभी चरणों के लिए मतगणना 10 नवंबर को होगी. निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को यह घोषणा की.
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