Bihar Election 2020 : 1972 में 10 वर्षों बाद बनी कांग्रेस की केदार सरकार चली महज 13 महीने, जानें क्या रही वजह

Bihar Election 2020 : कांग्रेस की यह सरकार भी गुटबंदी से दूर नहीं रह पायी और 13 महीने में ही केदार पांडेय को इस्तीफा देना पड़ा.

By Prabhat Khabar News Desk | October 14, 2020 7:51 AM
feature

1972 के विस चुनाव में करीब 10 साल बाद बिहार में कांग्रेस की बहुमत वाली सरकार बनी. इसके पहले 1962 के चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आयी थी. 1967 और दो साल बाद 1969 में हुए मध्यावधि चुनाव में कांग्रेस को प्रदेश में बहुमत नहीं मिला व प्रदेश में संविद व मिली-जुली सरकार बनती रही, गिरती रही.

1972 में एक बार फिर मध्यावधि चुनाव हुए. यह कांग्रेस के लिए लाभकारी साबित हुआ. 1971 में लोस के चुनाव हुए थे, केंद्र में कांग्रेस की मजबूत सरकार बन गयी थी. अगले साल हुए विस चुनाव में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत लायक 167 सीटें मिली.

जनसंघ को 25, सीपीआइ को 35, संगठन कांग्रेस को 30 और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के खाते में 33 सीटें आयीं. कांग्रेस में नौतन विस सीट से चुने गये केदार पांडेय विधायक दल के नेता चुने गये. केदार पांडेय के नेतृत्व में 19 मार्च, 1972 को सरकार बनी.

कांग्रेस की यह सरकार भी गुटबंदी से दूर नहीं रह पायी और 13 महीने में ही केदार पांडेय को अपने मंत्रियों की वजह से इस्तीफा देना पड़ा. बिहार विधान परिषद द्वारा प्रकाशित वरिष्ठ पत्रकार हेमंत लिखित बिहारनामा पुस्तक के मुताबिक मुख्यमंत्री केदार पांडेय अपने कुछ मंत्रियों का इस्तीफा चाह रहे थे. उन मंत्रियों ने इस्तीफा देने से इन्कार कर दिया.

अब मुख्यमंत्री के सामने एक ही रास्ता अपनी सरकार का इस्तीफा देना रह गया. केदार पांडेय ने यही किया, उन्होंने अप्रैल, 1973 को मंत्रिमंडल भंग कर दिया. इससे दोनों रास्ते निकल आये. मुख्यमंत्री के इस्तीफे से सभी मंत्री भी पूर्व हो गये. बिहारनामा के मुताबिक एक बार फिर 28 अप्रैल, 1973 को केदार पांडेय ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

पर गुटबाजी इतनी थी कि कुछ ही दिनों बाद सरकार के 24 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के प्रति अपना अविश्वास जता दिया. बात दिल्ली पहुंची. दिल्ली से टीम आयी. बैठक हुई, रास्ता निकाला गया. केदार पांडेय काे मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा. दूसरी बार शपथ लेने के 66 दिनों बाद ही दो जुलाई, 1973 को अब्दुल गफुर राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनाये गये.

Posted by Ashish Jha

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version