एनडीए का हिस्सा बने जीतन राम मांझी, आनन-फानन में किया एलान, राजद नेता पर कसा तंज

पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के मुखिया जीतन राम मांझी ने बुधवार को ही एनडीए का हिस्सा बन गये. मालूम हो कि तीन सितंबर को एनडीए में शामिल होने की घोषणा पार्टी नेता दानिश रिजवान की ओर से की गयी थी. बुधवार को ही आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेन्स बुला कर जीतन राम मांझी ने एनडीए में शामिल होने की घोषणा कर दी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2020 5:05 PM
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पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के मुखिया जीतन राम मांझी ने बुधवार को ही एनडीए का हिस्सा बन गये. मालूम हो कि तीन सितंबर को एनडीए में शामिल होने की घोषणा पार्टी नेता दानिश रिजवान की ओर से की गयी थी. बुधवार को ही आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेन्स बुला कर जीतन राम मांझी ने एनडीए में शामिल होने की घोषणा कर दी.

एनडीए में शामिल होने की घोषणा किये जाने के बाद हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि ”हमने जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन किया है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा बन गये हैं. अगले बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है.”

मालूम हो कि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर जीतन राम मांझी को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग लगातार कर रहे थे. लेकिन, राजद नेता तेजस्वी यादव की ओर से जीतन राम मांझी की मांग को कोई तवज्जो नहीं दी गयी. इसके बाद वह दिल्ली भी गये, लेकिन कोई बात नहीं बनी. इसके बाद उन्होंने महागठबंधन छोड़ने का फैसला कर लिया.

एनडीए में शामिल होने की औपचारिक घोषणा के बाद जीतन राम मांझी ने कहा कि उनका गठबंधन जेडीयू से है. इस लिहाज से वह एनडीए का हिस्सा बन गये हैं. तीन सितंबर के बजाय दो सितंबर को ही एनडीए में शामिल होने की बात पर उन्होंने कहा कि ”अच्छा काम जितना जल्दी हो जाये, उतना अच्छा है.”

मांझी ने कहा कि जेडीयू के साथ हम बिना शर्त गठबंधन कर रहे हैं. सीटों के बंटवारे को लेकर कोई विमर्श नहीं हुआ है. इसे बाद में सुलझा लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि आसन्न विधानसभा चुनाव में एनडीए को जीत दिलाने के लिए वह पूरा जोर लगायेंगे. चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ”मेरा मानना है कि 75 वर्ष की आयु के बाद सक्रिय राजनीति में व्यक्ति को नहीं रहना चाहिए.” महागठबंधन छोड़ने के सवाल पर मांझी ने कहा कि वह वहां पर खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे.

महागठबंधन छोड़ने के बाद मांझी ने राजद अध्यक्ष और उनके बेटों का नाम लिये बिना तंज कसते हुए हमला बोला. उन्होंने कहा कि राजद में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजा वाद है. उन्होंने कहा कि मेरा बेटा आठवीं पास नहीं है, वह एमए पास है. मालूम हो कि महागठबंधन में शामिल होने के बाद मांझी ने बेटे संतोष सुमन मांझी को विधान परिषद का सदस्य बनवाया था.

जीतन राम मांझी का जन्म साल 1944 में हुआ था. उन्होंने गया कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली है. राजनीति में आने से पहले वह गया के टेलीफोन एक्सचेंज में काम करते थे. मुसहर जाति से आनेवाले मांझी बिहार में महादलितों की अगुवाई करते हैं. सूबे में मुसहर जाति के करीब दो फीसदी वोट हैं.

जीतन राम मांझी साल 1990 तक कांग्रेस में थे. कांग्रेस के टिकट पर वह 1980 से 1990 तक विधायक रहे. इसके बाद वह राजद में शामिल हो गये. राजद के टिकट पर वह साल 1996 से 2005 तक विधायक रहे. साल 2005 में वह जेडीयू में शामिल हो गये. करीब 10 वर्ष तक वह पार्टी में बने रहे. साल 2015 में उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया. पार्टी से निकाले जाने के बाद उन्होंने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का गठन कर लिया. साल 2015 में उन्होंने एनडीए गठबंधन के साथ चुनाव में उतरे. लेकिन, प्रदर्शन खराब होने के बाद वह एनडीए से अलग होकर महागठबंधन का हिस्सा बन गये. अब महागठबंधन में अनदेखी का आरोप लगाते हुए एक बार फिर एनडीए में शामिल हो गये हैं.

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