मालूम हो कि महागठबंधन से नाराज रालोसपा ने गुरुवार को राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी, जिलाध्यक्षों की संयुक्त बैठक के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को कोई भी निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया था. उन्होंने स्पष्ट किया था कि उचित समय पर तय करेंगे कि वह महागठबंधन को छोड़कर एनडीए में जायेंगे अथवा कोई और राह पकड़ेंगे.
रालोसपा प्रमुख सह पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने महागठबंधन से नाराजगी जताते हुए कहा था कि पार्टी को सम्मान नहीं मिल रहा है. हमने बहुत कोशिश की, लेकिन सम्मानजनक तरीके से सीट शेयरिंग नहीं हो रही है. राजद नेतृत्व का व्यवहार एकतरफा फैसले लेने का रहा है.
उन्होंने बिना किसी का नाम लिये कहा था कि विभिन्न घटक दलों के बीच नेतृत्व के नाम पर भी मतभिन्नता है. ऐसे में वक्त आ गया है कि हम फैसला लें. पार्टी ने निर्णय लेने के लिए मुझे अधिकृत किया है. उचित समय पर प्रदेश और कार्यकर्ताओं के हित के लिए निर्णय लूंगा.
बीते दिनों में उपेंद्र कुशवाहा जिस तरह से सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन पर आरोप लगाया है, उसके मद्देनजर कयास लगाये जा रहे हैं कि वह महागठबंधन से अलग होकर तीसरा मोर्चा बनाने या फिर अकेले चुनाव मैदान में उतर सकते हैं.
इसी बीच, भाजपा नेता भूपेंद्र यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की काफी चर्चा होने लगी. सोमवार को दिल्ली से लौटने पर उन्होंने पटना एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों से बातचीत में बीजेपी और जेडीयू नेताओं से मुलाकात की खबरों का खंडन किया था.