डीएसपी के लिए चयनित पासवान संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार बने
परिस्थितियां ऐसी बनी कि डीएसपी के लिए चयनित पासवान अलौली विधानसभा चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार बन गये. पिता जामुन पासवान ने पांच सौ रुपये हाथ में देते हुए कहा जाओ डीएपी पद पर ज्वाइन करने के पहले शरीर बनाओ, पर पासवान के यह पैसे चुनाव में खर्च हो गये.
साइकिल पर प्रचार कर गाछ सिंबल पर जीते पासवान
यह 1969 का साल था़ पैसे की तंगी और साधन विहीन पासवान ने साइकिल पर प्रचार किया. किस्मत ने साथ दिया और मेहनत रंग लायी, गाछ सिंबल पर पासवान कुछ सौ मतों से चुनाव जीत गये़ राजनीति में पासवान का यह पहला कदम था़.
1972 में हुए मध्यावधि चुनाव में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा
इसके बाद वो आग बढते गये़ हालांकि, 1972 में हुए मध्यावधि चुनाव में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. पर, पासवान रूके नहीं, लोकदल के महासचिव के रूप में, युवा नेता के रूप में छात्र आंदोलन में अपने को खपाये रखा. उन्होंने अपनी एक किताब भी लिखी. किताब बाजार में आने वाली है, जिसमें इन सब चीजों की उन्होंने बेबाक चर्चा की है़.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya