राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने विधानसभा चुनाव में करीब 35 सीटों की मांग की थी. उपेंद्र कुशवाहा इस मामले में तेजस्वी प्रसाद यादव से दो बार मिले भी थे. इससे पहले पार्टी पदाधिकारी सूची के साथ राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद से उनके कार्यालय में मिले थे. रालोसपा सूत्रों का कहना है कि महागठबंधन का सबसे बड़ा दल राजद रालोसपा को दस-बाहर सीट से अधिक देने को तैयार नहीं है.
रालोसपा के नेताओं का मानना है कि जब सीटों से ही समझौता करना है, तो एनडीए बेहतर विकल्प साबित होगा. रालोसपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने बताया कि यह चिंता की बात है कि महागठबंधन के दो सबसे बड़े दल कांग्रेस-राजद में भी अब भी सामंजस्य नहीं बैठा है. इससे जनता चिंतित है. गुरुवार को राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी के साथ हम सभी परिस्थितियों पर मंथन करेंगे.
प्रभात खबर ने माधव आनंद से यह पूछा कि वह महागठबंधन से अलग होकर एनडीए का दामन थामने जा रहे हैं, तो वह अपने जवाब से इसकी पुष्टि करते दिखे. रालोसपा के प्रधान महासचिव का कहना था कि राजनीति संभावनाओं की चीज है. बैठक के बाद कठोर से कठोर निर्णय लेने में नहीं हिचकेंगे. जनता को शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधा देने में जो रुचि रखते हैं, उनका साथ देने में हमको कोई दिक्कत नहीं है.
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने इस मामले में कहा है कि हम तो पहले ही कहते थे कि राजद मनमानी कर रहा है. उसका अपना हिडेन एजेंडा है. देर सबेर महागठबंधन के सभी दलों को समझ आ जायेगा. कुशवाहा एनडीए में आना चाहते हैं, तो उनको खुद पहल करनी होगी. उनको नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार से संवाद करना चाहिए.