शेखपुरा. दलित अत्याचार निवारण के विशेष न्यायाधीश एडीजे प्रथम मधु अग्रवाल ने गवाही नहीं देने के मामले में अनुसूचित जाति जनजाति थाना के तत्कालीन दरोगा राम विनोद ठाकुर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंटी जारी किया है. 2012 की एक मामले में उनकी गवाही नहीं होने के कारण दलित उत्पीड़न निवारण का यह मामला न्यायालय में लंबित है. इसे लेकर उन्हें कई बार विभिन्न माध्यमों से गवाही के लिए उपस्थित करने की सूचना दी जा चुकी है. इस संबंध में जानकारी देते हुए दलित उत्पीड़न के विशेष लोक अभियोजक चंद्रमौली यादव ने बताया कि राम विनोद ठाकुर सेवा निवृत्ति हो गये हैं. वे लगातार गवाही से जी चुरा रहे हैं. अंत में बाध्य होकर न्यायालय को गवाही के लिए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंटी जारी करना पड़ा. इस संबंध में एसपी को उन्हें अगले निर्धारित तिथि पर कड़ाई के साथ न्यायालय में उपस्थित कराने का निर्देश दिया है.
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