राजगीर. गर्भवती महिलाओं को अब सुरक्षित प्रसव के लिए महीने में तीन बार 9, 15 व 21 तारीख को निःशुल्क प्रसव पूर्व जांच की सुविधा सरकारी अस्पतालों में मिलेगी. पहले यह सुविधा प्रत्येक माह की 9 और 21 तारीख को प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के तहत दी जाती थी. लेकिन अब राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर तीसरी तिथि 15 तारीख को भी जोड़ा गया है. यानी अब प्रत्येक माह 9, 15 और 21 तारीख को यह शिविर आयोजित होंगे. इसके अलावे प्रत्येक गर्भवती महिलाओं को अब सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में निःशुल्क अल्ट्रासाउंड की भी सुविधा मिलेगी. गौरतलब है कि राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने निर्देशित किया है कि अब प्रत्येक महिला को अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी पूरी तरह निःशुल्क दी जायेगी. इसके अतिरिक्त अनुमंडलीय अस्पताल उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर विशेष निगरानी व इलाज की व्यवस्था की जायेगी. अनुमंडल में जागरूकता व सुविधाएं बढ़ाने पर जोर : स्वास्थ्य विभाग की मंशा है कि अधिक से अधिक गर्भवती महिलाएं इस अभियान से जुड़े. आशा कार्यकर्ताओं को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने को कहा गया है, ताकि सभी लाभार्थियों तक यह जानकारी पहुंचे और उन्हें प्रसव पूर्व जांच की सुविधा का लाभ मिल सके. गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए जरूरी है एएनसी : स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, प्रसव पूर्व जांच गर्भवती महिलाओं व उनके शिशु के लिए अत्यंत आवश्यक होती है. जांच से समय रहते जटिलताओं का पता चल जाता है। चिकित्सीय परामर्श से उनका समाधान संभव होता है. प्रसव के दौरान कठिनाइयों से बचने के लिए समय-समय पर जांच करानी चाहिए. तीन बार एएनसी जांच की यह नयी व्यवस्था मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में कारगर सिद्ध होगी. प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की रक्त, मूत्र, एचआइवी, ब्लड ग्रुप, बीपी और हार्ट बीट जैसी महत्वपूर्ण जांच की जाती है, जिससे उन्हें सही समय पर उचित इलाज व परामर्श दिया जा सके.
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