डीहकोसुम्भा गांव के किसान राम लखन यादव ने बताया कि तीन बीघे प्याज की फसल लगाई थी. खेतों में पैदावार भी ठीक ठाक हुई.लेकिन बेमौसम की बारिश होने से प्याज को क्षति पहुंची. बारिश भी थोड़े –थोड़े अंतराल में पांच बार बारिश हो गई. इससे प्याज की फसल को ज्यादा क्षति हुई है.
फोटो 07. शिवशंकर पंडित.
डीहकुसुम्भा गांव के किसान शिवशंकर पंडित ने बताया कि बेमौसम बारिश में प्याज की फसल सड़ने लगी. इसकी छंटाई और भंडारण में अतिरिक्त मजदूरी लग गई.फिर भी रेट कम मिल रहा है. जिससे किसानों को फायदा नहीं हो रहा है.लागत भी निकालना मुश्किल पड़ रहा है.
गुलाबी रंग और अच्छी क्वालिटी के लिये मशहुर है शेखपुरा का प्याज
शेखपुरा का प्याज अपने गुलाबी रंग और अच्छी क्वालिटी के लिये विदेशों तक मशहूर है. यहां का प्याज पहले पाकिस्तान और बांग्लादेश तक निर्यात किया जाता रहा है. लेकिन, कुछ साल से सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी है. जिले का अरियरी प्रखंड और घाटकोसुम्भा इन दिनों प्याज उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. जिले में दो हजार दस हेक्टेयर में 28 हजार 459 मीट्रिक टन प्याज उत्पादन का उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित है.
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