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रात में भी तटबंधों की करें सघन निगरानी

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रात में भी तटबंधों की करें सघन निगरानी

बिहारशरीफ. बाढ़ से सुरक्षा को लेकर जिले में प्रशासन ने कमर कस ली है. शनिवार को देर शाम को जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इसमें जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तर के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में संभावित बाढ़ से निपटने की पूर्व तैयारी की गहन समीक्षा की गई. जिलाधिकारी ने बताया कि झारखंड में हो रही भारी बारिश के कारण मानपुर गया में जलस्तर में वृद्धि हुई है. ऐसे में उदेरा स्थान से धीरे-धीरे पानी छोड़े जाने का निर्देश दिया गया, ताकि लोकाईन नदी के तटबंध पर दबाव कम हो और एकंगरसराय क्षेत्र में बाढ़ की गंभीरता को रोका जा सके. श्री कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि रात्रि समय में तटबंधों की सतत निगरानी की जाए. किसी भी संभावित रिसाव या टूट को लेकर तुरंत मरम्मती कार्य कराया जाए. इसके लिए सभी स्थानों पर बालू भरे बोरे, बांस-बल्ला, फ्लड लाइट और श्रमिकों की पर्याप्त व्यवस्था रखने का निर्देश दिया गया. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने जानकारी दी कि जिले की विभिन्न नदियों पर बने जमींदारी बांधों के संवेदनशील स्थानों जैसे देकपुरा, कुल्टी, जीराईनपुरी, सिद्धीविगहा, कटौना, इतासंग आदि पर बालू भरे बोरे का भंडारण किया जा रहा है. इसके साथ ही बिंद, नौरंगा, जाना, छापन खंधा और सैनिक स्कूल जैसे स्थानों पर भी बालू के स्टॉक तैयार किए गए हैं. बिहारशरीफ शहर से होकर गुजरने वाली पंचाने नदी में जलजमाव न हो, इसके लिए नदी की जलकुंभी और कचरा की सफाई के लिए 8 एक्स्कावेटर मशीन, 32 ट्रैक्टर और आवश्यकता अनुसार मजदूरों की तैनाती की गई है. बाढ़ की स्थिति में त्वरित कार्रवाई हेतु दो मोबाइल एम्बुलेंस (ट्रैक्टर वाहन) तैयार रखे गए हैं, जिनमें जनरेटर, फ्लड लाइट, बालू, गिट्टी, बांस, खाली बोरे और दस-दस मजदूरों की टीम तैनात की गई है. इस समीक्षा बैठक में नगर आयुक्त, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता (आपदा), सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंता सहित कई अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े. जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने स्पष्ट किया कि बाढ़ से पहले की तैयारी ही सबसे बड़ा बचाव है. सभी विभाग समन्वय के साथ काम करें, ताकि आपदा से किसी भी जान-माल की क्षति न हो.

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