Home बिहार सिवान बच्चों की चिंता क्या होती है, कोई लालू प्रसाद से सीखे: प्रशांत किशोर

बच्चों की चिंता क्या होती है, कोई लालू प्रसाद से सीखे: प्रशांत किशोर

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बच्चों की चिंता क्या होती है, कोई लालू प्रसाद से सीखे: प्रशांत किशोर

प्रतिनिधि, सीवान. जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपनी ””बिहार बदलाव यात्रा”” के तहत रविवार को दरौंदा प्रखंड में आयोजित बिहार बदलाव सभा को संबोधित किया. इधर प्रखंड के चपरैथा, कोरारी कला, बगौरा आदि स्थानों पर बड़ी संख्या में पार्टी और उनके समर्थकों ने ढोल- नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया. अपने संबोधन में प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं पिछले तीन सालों से बिहार के गांव-गांव घूम रहा हूं लेकिन बच्चों के शरीर पर सूती कपड़ा या पैरों में चप्पल नहीं है. इसीलिए आपको अपने बच्चों की चिंता करनी है. कोई नेता आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा. उन्होंने लालू परिवार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार के लोगों को लालू जी से सीखना चाहिए कि बच्चों की चिंता क्या होती है. उन्होंने कहा कि लालू जी का बेटा नौंवीं पास भी नहीं किया है, फिर भी वह चाहते हैं कि उनका बेटा राजा बने. दूसरी तरफ बिहार के लोग जिनके बच्चे मैट्रिक, बी.ए, एम.ए.कर चुके हैं, फिर भी उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने पटना के गांधी मैदान में मुस्लिम संगठन द्वारा वक्फ कानून के खिलाफ आयोजित रैली पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जन सुराज शुरू से ही वक्फ बिल के विरोध में रहा है. गांधी मैदान में आयोजित सभा मुस्लिम संगठनों की सभा है और हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं. इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव के 20 साल नहीं सिर्फ 20 महीने देने के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार की जनता तेजस्वी यादव के माता-पिता को 15 साल और खुद तेजस्वी यादव को 3 साल दे चुकी है. इन लोगों ने बिहार को बर्बाद कर दिया है. अब जनता इनके बहकावे में नहीं आने वाली है. कोई भी राजद को वोट नहीं देने वाला है. उन्होंने कहा कि अब तक ये लोग भाजपा का डर दिखाकर मुस्लिम समुदाय का वोट लेते रहे हैं, लेकिन अब मुस्लिम समुदाय के पास जन सुराज का विकल्प है. कहा कि इस बार वोट लालू, नीतीश, मोदी के लिए नहीं, इस बार वोट बिहार में जनता का राज स्थापित करने के लिए देना है, इस बार वोट अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए देना है. प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में अधिकारी और नेता राशन कार्ड बनाने से लेकर जमीन की रसीद कटाने तक के लिए रिश्वत ले रहे हैं, जिससे आम लोग परेशान हैं.

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