राजगीर. पर्यटक शहर राजगीर के जू सफारी में मंगलवार को विश्व बाघ दिवस के अवसर पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बाघ संरक्षण और पर्यावरण की अहमियत पर जोर दिया गया. इसका उद्देश्य बाघों की घटती संख्या के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाना है. उनके संरक्षण में जनसहभागिता को प्रोत्साहित करना है. कार्यक्रम की शुरुआत पर्यटकों के बीच टाइगर मास्क वितरण कर किया गया. इस कार्यक्रम को लेकर बच्चों से लेकर बड़ों तक में खास उत्साह देखा गया. सफारी गाइड्स द्वारा बाघों की जीवनशैली, उनके आवास और संरक्षण के उपायों पर ज्ञानवर्धक जानकारियां साझा की गयी. पर्यटकों को बताया गया कि बाघ पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसके बाद अधिकारियों द्वारा एनिमल कीपर्स के बीच बाघों के प्राकृतिक आवास, उनकी रक्षा, भोजन प्रबंधन और जैव विविधता बनाए रखने के प्रयासों पर प्रकाश डाला गया. उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए कुछ कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया. इस अवसर पर जू सफारी के निदेशक राम सुंदर एम ने कहा कि बाघ भारत की शान है. उनका संरक्षण केवल सरकार का ही नहीं, बल्कि समाज का भी कर्तव्य है. उन्होंने वन्यजीव संरक्षण में समुदाय की भागीदारी को आवश्यक बताया. इस कार्यक्रम में सहायक वन संरक्षक अजय कुमार, पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रंजीत कुमार, डॉ. अमित कुमार, वनों के क्षेत्र पदाधिकारी शिवम सिन्हा समेत कई वनकर्मी मौजूद रहे. बिहार का पहला जू सफारी, राजगीर, केवल मनोरंजन का केंद्र नहीं, बल्कि वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक प्रेरक प्रयास भी है.
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