जानें मामला
विभागीय सूत्रों की माने तो पिपरासी अंचल में ड्राइवर नहीं होने के कारण 2016 – 17 में विभाग के तरफ से गृह रक्षा वाहिनी से नवल किशोर सिंह को ड्राइवर की नियुक्ति की गई थी . उस समय सरकारी गाड़ी थी, लेकिन बीते एक वर्ष से गाड़ी खराब होने के कारण अंचल के तरफ से 12 सौ रुपए रोजाना के दर पर प्राइवेट गाड़ी और ड्राइवर रख लिया गया और इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को भी भेज दी गई .
इसके बावजूद विभाग के तरफ से ड्राइवर को वापस नहीं बुलाया गया . ड्राइवर के पद पर तैनात गृह रक्षा वाहिनी के बल बिना काम के ही अंचल में रहते थे . बीते सात फरवरी को शराब पीते उनका एक वीडियो यूपी के एक होटल में वायरल हुआ था . इसको गंभीरता से लेते हुए गृह रक्षा वाहिनी के जिला समादेष्टा द्वारा उन्हें लाइन में क्लोज कर लिया गया था.
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सवालों के घेरे में विभाग
उसके बाद लोगों को लगा कि शायद इन पर विभागीय कार्रवाई होगी. लेकिन विभागीय अधिकारियों से मिलीभगत कर उनके द्वारा दुबारा पिपरासी अंचल में ही ड्राइवर के पद पर 17 मार्च को दुबारा ज्वाइन किया गया. जबकि पिपरासी अंचल के तरफ से ड्राइवर की मांग भी नहीं की गई थी. क्योंकि मधुबनी सीओ पिपरासी के भी प्रभारी है . वहां भी प्राइवेट गाड़ी का ही प्रयोग होता है . ऐसी स्थिति में दो गाड़ी या दो ड्राइवर की आवश्यकता नहीं है. ऐसी स्थिति में ड्राइवर की नियुक्ति पर लोगों ने विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे है.
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